लखनऊ : केजीएमयू को उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम, उपचार और नियंत्रण के लिए क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है. केजीएमयू, ईसीएचओ इंडिया (ECHO INDIA) और एम्स, नई दिल्ली के सहयोग से शैक्षिक वेबिनार (कोविड-19) की श्रृंखला आयोजित करेगाा. ये बातें शनिवार को केजीएमयू कुलपति डॉ बिपिन पुरी ने जानकारी साझा की.
ऑपरेटिंग हेल्थकेयर सुविधाएं पर हुआ आयोजन
कर्नल डॉ राकेश वर्मा, जो एयॉन मेड हेल्थ एंड हॉस्पिटल्स के सीईओ के द्वारा महामारी और ऑपरेटिंग हेल्थकेयर सुविधा विषय पर एक वेबिनार का आयोजन हुआ. वह भारतीय सेना के आर्मी मेडिकल कोर के एक अनुभवी और प्रतिष्ठित एएफएमसी, पुणे और एम्स, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं. वह एक स्थापित स्वास्थ्य देखभाल गुणवत्ता और प्रबंधन विशेषज्ञ है और एक दशक से अधिक समय से एनएबीएच के साथ प्रधान मूल्यांकनकर्ता हैं.
एंटीबायोटिक्स दवाओं का न करें अधिक प्रयोग
डॉ संगीता शर्मा द्वारा कोविड-19 में एंटीबायोटिक्स और दुरुपयोग" विषय पर एक और व्याख्यान आयोजित किया गया. वह मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान, न्यूरो साइकोफार्माकोलॉजी में प्रोफेसर कार्यरत हैं. वह दिल्ली सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ रेशनल यूज ऑफ ड्रम्स और स्टेट नोडल ऑफिसर फॉर एएमआर कंटेनमेंट, दिल्ली स्टेट की मानद अध्यक्ष हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि एंटीबायोटिक्स विशिष्ट सामाजिक दवाएं हैं. क्योंकि व्यक्तिगत उपयोग समुदाय और पर्यावरण में दूसरों को प्रभावित करता है. कोविड-19 की चपेट में आने वाले लोग भी दवा प्रतिरोधी संक्रमण की चपेट में हैं. लोगों के स्वयं द्वारा (self-administration) और फसलों और जानवरों के प्रजनन में एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग या अति प्रयोग को रोकने की आवश्यकता है. वेबिनार में केजीएमयू के फैकल्टी और रेजिडेंट्स ने हिस्सा लिया.