लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ग्राम प्रधानों के कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात 25 दिसम्बर को ग्राम पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. याचिका में पंचायत राज अधिनियम की धारा 12 (3) (ए) को भी चुनौती दी गई है. लिहाजा न्यायालय ने महाधिवक्ता को भी सुनवाई के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.
प्रशासकों की नियुक्ति पर जवाब-तलब
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने ग्राम प्रधान संगठन की जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2000 में एक अध्यादेश लाते हुए यूपी पंचायती राज अधिनियम में धारा 12(3)(ए) को जोड़ा गया था. जिसके तहत कहा गया था कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात सरकार प्रशासकीय कमेटी या प्रशासक नियुक्त कर सकती है. याचिका में कहा गया कि वर्ष 2000 के उक्त आदेश को हाईकोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है. ऐसे में राज्य सरकार को ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार नहीं है. याचिका में यह भी कहा गया है कि संविधान में पंचायतों के सम्बंध में व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायत का कार्यकाल पांच साल से अधिक का नहीं हो सकता. इस लिहाज से भी प्रशासक नियुक्त करके ग्राम पंचायत को चलाना विधि सम्मत नहीं है.