लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी को हाजिर होने का आदेश दिया है. न्यायालय ने उन्हें तलब कर पूछा है कि वह शहर को कैसे साफ-सुथरा रखेंगे.
न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी व न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया. नगर आयुक्त ने नगर निगम की ओर से एक रिट याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है. याचिका में नगर आयुक्त ने जिला उपभेाक्ता फोरम, लखनऊ द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती दी थी. इस आदेश में फोरम ने शहर में फैली गंदगी, छुट्टा जानवर, खुले सीवर टैंक, मच्छरों के प्रकोप, टूटी सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण आदि तमाम समस्याओं के लिए सीधे तौर पर नगर निगम को जिम्मेदार माना था.
फोरम ने नगर आयुक्त को आदेश दिया था कि वह सेवा में बरती गई लापरवाही के लिए अपने एक वर्ष का वेतन शिकायतकर्ता को दें. नगर आयुक्त की ओर से कहा गया कि उपभोक्ता फोरम इस प्रकार का आदेश पारित नहीं कर सकता क्योंकि यह उसके क्षेत्राधिकार के बाहर का विषय है. हालांकि, न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर आयुक्त से पूछ लिया कि वह स्वयं बता दें कि शहर की साफ-सफाई के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.