ETV Bharat / state

मुआवजे के आदेश को चुनौती देना इंश्योरेंस कम्पनी को पड़ा महंगा, हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत मुआवजे के आदेश को चुनौती देना इंश्योरेंस कम्पनी (insurance company) को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट (high court) की लखनऊ बेंच ने कम्पनी पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
लखनऊ हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Jul 26, 2021, 8:44 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत मुआवजे के आदेश को चुनौती देना ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी (insurance company) को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट (high court) की लखनऊ बेंच ने कम्पनी पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. न्यायालय ने कहा कि यदि इस याचिका की सुनवाई की गई तो ऐसी याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी और उक्त बीमा योजना के तहत किसी भी दावे का निपटारा नहीं हो पाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति रिरतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की याचिका पर पारित किया.

याची कम्पनी ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला रिव्यू कमेटी, अम्बेडकर नगर द्वारा पारित 15 जून 2020 के आदेश को चुनौती दी थी. उक्त आदेश के जरिए कमेटी ने बीमा योजना के तहत एक मृतक के आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था. याची पक्ष का कहना था कि 45 दिनों में मृतक के आश्रितों ने आय प्रमाण पत्र नहीं जमा किया. लिहाजा, उन्हें मुआवजा पाने का अधिकार नहीं है.

पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार में फंसा यह पेंच, अब क्या करेंगे योगी आदित्यनाथ

न्यायालय ने याचिका पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि याची कम्पनी द्वारा बीमा योजना के तहत किए गए करार में स्पष्ट उल्लेख है कि जिला रिव्यू कमेटी का आदेश अंतिम होगा. कम्पनी कमेटी के आदेश को मानने के लिए बाध्य होगी और एक माह में आदेश का अनुपालन करते हुए मुआवजे का चेक जिलाधिकारी के समक्ष जमा कर देगी, जिसे डीएम लाभार्थी को प्रदान करेंगे. न्यायालय ने कहा कि करार में यह भी स्पष्ट तौर पर उल्लेखित है कि अपूर्ण दस्तावेजों की दशा में भी कमेटी का निर्णय अंतिम और कम्पनी के लिए बाध्यकारी होगा. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची कम्पनी पर हर्जाना लगाने के साथ-साथ एक माह में मुआवजे की रकम के भुगतान का भी आदेश दिया है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत मुआवजे के आदेश को चुनौती देना ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी (insurance company) को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट (high court) की लखनऊ बेंच ने कम्पनी पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. न्यायालय ने कहा कि यदि इस याचिका की सुनवाई की गई तो ऐसी याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी और उक्त बीमा योजना के तहत किसी भी दावे का निपटारा नहीं हो पाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति रिरतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की याचिका पर पारित किया.

याची कम्पनी ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला रिव्यू कमेटी, अम्बेडकर नगर द्वारा पारित 15 जून 2020 के आदेश को चुनौती दी थी. उक्त आदेश के जरिए कमेटी ने बीमा योजना के तहत एक मृतक के आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था. याची पक्ष का कहना था कि 45 दिनों में मृतक के आश्रितों ने आय प्रमाण पत्र नहीं जमा किया. लिहाजा, उन्हें मुआवजा पाने का अधिकार नहीं है.

पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार में फंसा यह पेंच, अब क्या करेंगे योगी आदित्यनाथ

न्यायालय ने याचिका पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि याची कम्पनी द्वारा बीमा योजना के तहत किए गए करार में स्पष्ट उल्लेख है कि जिला रिव्यू कमेटी का आदेश अंतिम होगा. कम्पनी कमेटी के आदेश को मानने के लिए बाध्य होगी और एक माह में आदेश का अनुपालन करते हुए मुआवजे का चेक जिलाधिकारी के समक्ष जमा कर देगी, जिसे डीएम लाभार्थी को प्रदान करेंगे. न्यायालय ने कहा कि करार में यह भी स्पष्ट तौर पर उल्लेखित है कि अपूर्ण दस्तावेजों की दशा में भी कमेटी का निर्णय अंतिम और कम्पनी के लिए बाध्यकारी होगा. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची कम्पनी पर हर्जाना लगाने के साथ-साथ एक माह में मुआवजे की रकम के भुगतान का भी आदेश दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.