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जल जीवन मिशन घोटालाः संजय सिंह के आरोपों के आधार पर दाखिल जनहित याचिका खारिज - लखनऊ हाईकोर्ट न्यूज

याचिका में आरोप लगाया गया था कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में उत्तर प्रदेश जल निगम के बजाय दूसरी प्राइवेट एजेंसी को इंस्पेक्शन के लिए चुना गया. इसके अलावा याचिका में पाइप सप्लाई के संबंध में भी आरोप लगाए गए थे.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Sep 28, 2021, 10:47 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में घोटाले का आरोप लगाते हुए, कैग से जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के ट्विट को भी आधार बनाया गया था. यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने आदित्य मोहन अरोड़ा की याचिका पर पारित किया.

याचिका में कहा गया कि जल जीवन मिशन को संचालित करने का काम राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के जिम्मे है. उक्त मिशन ने थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के कार्य के लिए उत्तर प्रदेश जल निगम के बजाय दूसरी प्राइवेट एजेंसी को चुना. जबकि जल निगम एक राज्य एजेंसी है. याचिका में कहा गया कि प्राइवेट एजेंसी ने जल निगम की तुलना में काफी महंगे दर पर थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन का काम किया. इसके अलावा याचिका में पाइप सप्लाई के सम्बंध में भी आरोप लगाए गए.

जल एवं स्वच्छता मिशन के अधिवक्ता सुदीप कुमार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका में राजनीतिक दल के नेता के ट्विट को आधार बनाया गया है. उन्होंने बताया कि याची द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर विस्तार से कार्यकारी निदेशक द्वारा दिया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- अवैध धर्मांतरण मामले की जांच बेंगलुरू भेजे जाने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यदि ऐसे कार्य में कोई अनियमितता या अवैधानिकता पाई जाती है तो उसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में याची के सभी भ्रम और निश्चितताओं को कार्यकारी निदेशक द्वारा 10 सितम्बर 2021 को भेजे जवाब में दूर कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि इस जवाब में याची द्वारा उठाए प्रत्येक बिंदु का यथोचित उत्तर दिया गया है. न्यायालय ने कहा कि एजेंसी का चयन भी नियमों के मुताबिक किया गया है व एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया के दौरान जल निगम से कम दर कोट किया था.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में घोटाले का आरोप लगाते हुए, कैग से जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के ट्विट को भी आधार बनाया गया था. यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने आदित्य मोहन अरोड़ा की याचिका पर पारित किया.

याचिका में कहा गया कि जल जीवन मिशन को संचालित करने का काम राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के जिम्मे है. उक्त मिशन ने थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के कार्य के लिए उत्तर प्रदेश जल निगम के बजाय दूसरी प्राइवेट एजेंसी को चुना. जबकि जल निगम एक राज्य एजेंसी है. याचिका में कहा गया कि प्राइवेट एजेंसी ने जल निगम की तुलना में काफी महंगे दर पर थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन का काम किया. इसके अलावा याचिका में पाइप सप्लाई के सम्बंध में भी आरोप लगाए गए.

जल एवं स्वच्छता मिशन के अधिवक्ता सुदीप कुमार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका में राजनीतिक दल के नेता के ट्विट को आधार बनाया गया है. उन्होंने बताया कि याची द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर विस्तार से कार्यकारी निदेशक द्वारा दिया जा चुका है.

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कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यदि ऐसे कार्य में कोई अनियमितता या अवैधानिकता पाई जाती है तो उसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में याची के सभी भ्रम और निश्चितताओं को कार्यकारी निदेशक द्वारा 10 सितम्बर 2021 को भेजे जवाब में दूर कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि इस जवाब में याची द्वारा उठाए प्रत्येक बिंदु का यथोचित उत्तर दिया गया है. न्यायालय ने कहा कि एजेंसी का चयन भी नियमों के मुताबिक किया गया है व एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया के दौरान जल निगम से कम दर कोट किया था.

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