लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इंस्पेक्टर अनिल कुमार की प्रतापगढ़ में नवंबर 2015 में हुई हत्या की जांच के सम्बंध में राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन व न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित की खंडपीठ ने मृतक इंस्पेक्टर की पत्नी आरती गुज्जर की याचिका पर दिया है. याचिका में सीबीआई को हत्याकांड की जांच निश्चित समय सीमा में पूर्ण करने का निर्देश देने की मांग की गई है. हाईकोर्ट के ही 23 मई 2018 के आदेश पर घटना की जांच सीबीआई कर रही है.
उल्लेखनीय है कि इंस्पेक्टर अनिल कुमार प्रतापगढ़ कोतवाली प्रभारी के तौर पर तैनात थे. आरोप है कि 19 नवंबर 2015 को उनकी हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण मौत से पहले आई आग्नेयास्त्र की चोटों को बताया गया था.
मामले में राज्य सरकार ने 5 जनवरी 2016 को केस की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति कर मामला केंद्र सरकार को भेज दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने 9 जून 2016 के पत्र के द्वारा कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की आवश्यकता नहीं है.
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वहीं सीबीआई ने भी 17 अगस्त 2017 को पत्र भेजकर जांच अपने हाथ में लेने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद आरती गुज्जर की ही याचिका पर हाईकोर्ट ने 23 मई 2018 को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. वर्तमान याचिका में इंस्पेक्टर की पत्नी ने सीबीआई पर आरोप लगाया है कि केस की निष्पक्ष और त्वरित जांच नहीं की जा रही है. साथ ही कहा कि उनका बयान भी सीबीआई द्वारा दर्ज नहीं किया जा रहा है.