लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग में लगातार कार्रवाई का दौर जारी है. एटा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक द्वारा एक ही सिरिंज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगाए जाने के मामले को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लिया है. इसी अस्पताल में एक बच्चे की जांच रिपोर्ट भी एचआईवी पॉजिटिव आई थी. डिप्टी सीएम ने मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मामला स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज (एटा) का है. जहां मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सक द्वारा एक ही सिरिंज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगा दिया गया था. साथ ही एक बच्चे की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव भी आ गई. डिप्टी सीएम ने बताया कि इस संबंध में प्रधानाचार्य से प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की गई है. चिकित्सक के दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, एटा के निधौली रोड निवासी मीनाक्षी ने जिलाधिकारी को दी गई लिखित शिकायत में बताया कि उनकी 7 वर्ष की बेटी बीमार थी. जिसके कारण उसे वीरांगना अवंती बाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. यहां उसका इलाज चल रहा था. इस दौरान वहां पर भर्ती बच्चों को एक ही इंजेक्शन से दवा दी जा रही थी. उस वार्ड में एक एचआईवी संक्रमित बच्ची भी भर्ती थी. उसे भी उसी इंजेक्शन से दवा दी जा रही थी. एक ही इंजेक्शन से कई बच्चों को दवा दिये जाने से एचआईवी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. पीड़ित मां ने लिखित शिकायत में यह भी कहा है कि जब इसकी शिकायत वहां के चिकित्सक से की गई तो उन्होंने इलाज देने के बजाय बच्ची को छुट्टी दे दी. मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल नवनीत कुमार की मानें तो इस तरह के आरोप गलत है. मरीज की मां को फोबिया की समस्या है. इस वजह से उनको एक ही सिरिंज से दवा देने की बात लगी होगी. लेकिन प्रिसिंपल ने यह भी बात मानी है कि एक ही सिरिंज से सभी बच्चों को लगी ग्लूकोज की बोतल में दवा डाली गई है. इसके अलवा अस्पताल में लगे सीसीटीवी के जरिये पूरे मामले की जांच की जा रही है.