लखनऊ: नगर निगम प्रशासन इन दिनों गोमती की सफाई कराने की बात कर रहा है. गोमती जिसमें पूरे लखनऊ की जान बसती है. आलम ये है कि अब गोमती का पानी किसी भी काम का नहीं रहा है. देर से ही सही पर प्रशासन ने आज गोमती के लिए कुछ जरुरी कदम उठाए हैं, जिसके चलते नगर निगम प्रशासन ने गोमती की सफाई कराने का बीड़ा उठाया है.
इसके लिए छह टीमें बनाई गई हैं जो कि राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में सेक्टरवार तरीके से सफाई करेंगी. ये टीमें नगर निगम प्रशासन के स्तर पर बनाई गई हैं और अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी के नेतृत्व में यह पूरा अभियान चलाया जा रहा है.
प्रशासन के सामने सवाल :
गोमती की सफाई करना ही केवल नहीं है बल्कि उसे फिर से दूषित होने से रोकना भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए प्रशासन एक से एक दावे कर रहा है, अब देखने वाली बात यह होगी कि निगम प्रशासन अपने दावों पर खरा उतरता है या नहीं और गोमती का जल अविरल और निर्मल हो सकेगा या नहीं.
नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि गोमती नदी नगरिया नाले से शुरू होकर पिपराघाट तक बहती है. हमने गोमती की सफाई कराने के लिए गोमती को 6 सेक्टरों में बांटा है. इसमें जोनल अधिकारी जोनल अभियंता लगाए गए हैं 2 सेक्टरों को अपर नगर आयुक्त को दिए गए हैं आरआर विभाग के अभियंता और अधिकारी पूरी टीम और मशीनरी के साथ सफाई कराएंगे और इस काम को करीब 1000 लोग मिलकर आगे बढ़ाएंगे.
गोमती में कुल 32 नाले गिरते हैं इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है और एसटीपी की क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए सबसे इंपोर्टेंट काम जल्द से जल्द हुआ है वह हैदर कैनाल और भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने का काम हुआ है और आगे भी इनकी क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर काम किया जाएगा.
-डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त, लखनऊ