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लखनऊ: राज्य सरकार का निर्देश, निगम प्रशासन करेगा गोमती का जल साफ - गोमती का जल करेगा निगम प्रशासन साफ

राजधानी लखनऊ की जीवनदायिनी कही जाने वाली गोमती की हालत दयनीय बनी हुई है. गोमती का जल भी अब पीने के लायक नहीं बचा है. अब राज्य सरकार के निर्देश पर लखनऊ नगर निगम प्रशासन ने गोमती सफाई कराने का बीड़ा उठाया है.

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लखनऊ: गोमती का जल करेगा निगम प्रशासन साफ
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Published : Dec 1, 2019, 2:06 PM IST

लखनऊ: नगर निगम प्रशासन इन दिनों गोमती की सफाई कराने की बात कर रहा है. गोमती जिसमें पूरे लखनऊ की जान बसती है. आलम ये है कि अब गोमती का पानी किसी भी काम का नहीं रहा है. देर से ही सही पर प्रशासन ने आज गोमती के लिए कुछ जरुरी कदम उठाए हैं, जिसके चलते नगर निगम प्रशासन ने गोमती की सफाई कराने का बीड़ा उठाया है.

इसके लिए छह टीमें बनाई गई हैं जो कि राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में सेक्टरवार तरीके से सफाई करेंगी. ये टीमें नगर निगम प्रशासन के स्तर पर बनाई गई हैं और अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी के नेतृत्व में यह पूरा अभियान चलाया जा रहा है.

गोमती का जल करेगा निगम प्रशासन साफ
गोमती में गिरते हैं 32 नाले:
राजधानी लखनऊ में बहने वाली गोमती 32 नालों से प्रवाहित हैं. इस अभियान के चलते इन नालों के पानी को शोधित करके गोमती में गिराया जाएगा. नगर निगम प्रशासन अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने की बात कर रहा है, जिससे आने वाले समय में गोमती में गिरने वाले नाले शोधित होकर गिरेंगे.

प्रशासन के सामने सवाल :
गोमती की सफाई करना ही केवल नहीं है बल्कि उसे फिर से दूषित होने से रोकना भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए प्रशासन एक से एक दावे कर रहा है, अब देखने वाली बात यह होगी कि निगम प्रशासन अपने दावों पर खरा उतरता है या नहीं और गोमती का जल अविरल और निर्मल हो सकेगा या नहीं.

नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि गोमती नदी नगरिया नाले से शुरू होकर पिपराघाट तक बहती है. हमने गोमती की सफाई कराने के लिए गोमती को 6 सेक्टरों में बांटा है. इसमें जोनल अधिकारी जोनल अभियंता लगाए गए हैं 2 सेक्टरों को अपर नगर आयुक्त को दिए गए हैं आरआर विभाग के अभियंता और अधिकारी पूरी टीम और मशीनरी के साथ सफाई कराएंगे और इस काम को करीब 1000 लोग मिलकर आगे बढ़ाएंगे.


गोमती में कुल 32 नाले गिरते हैं इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है और एसटीपी की क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए सबसे इंपोर्टेंट काम जल्द से जल्द हुआ है वह हैदर कैनाल और भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने का काम हुआ है और आगे भी इनकी क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर काम किया जाएगा.
-डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त, लखनऊ

लखनऊ: नगर निगम प्रशासन इन दिनों गोमती की सफाई कराने की बात कर रहा है. गोमती जिसमें पूरे लखनऊ की जान बसती है. आलम ये है कि अब गोमती का पानी किसी भी काम का नहीं रहा है. देर से ही सही पर प्रशासन ने आज गोमती के लिए कुछ जरुरी कदम उठाए हैं, जिसके चलते नगर निगम प्रशासन ने गोमती की सफाई कराने का बीड़ा उठाया है.

इसके लिए छह टीमें बनाई गई हैं जो कि राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में सेक्टरवार तरीके से सफाई करेंगी. ये टीमें नगर निगम प्रशासन के स्तर पर बनाई गई हैं और अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी के नेतृत्व में यह पूरा अभियान चलाया जा रहा है.

गोमती का जल करेगा निगम प्रशासन साफ
गोमती में गिरते हैं 32 नाले:
राजधानी लखनऊ में बहने वाली गोमती 32 नालों से प्रवाहित हैं. इस अभियान के चलते इन नालों के पानी को शोधित करके गोमती में गिराया जाएगा. नगर निगम प्रशासन अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने की बात कर रहा है, जिससे आने वाले समय में गोमती में गिरने वाले नाले शोधित होकर गिरेंगे.

प्रशासन के सामने सवाल :
गोमती की सफाई करना ही केवल नहीं है बल्कि उसे फिर से दूषित होने से रोकना भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए प्रशासन एक से एक दावे कर रहा है, अब देखने वाली बात यह होगी कि निगम प्रशासन अपने दावों पर खरा उतरता है या नहीं और गोमती का जल अविरल और निर्मल हो सकेगा या नहीं.

नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि गोमती नदी नगरिया नाले से शुरू होकर पिपराघाट तक बहती है. हमने गोमती की सफाई कराने के लिए गोमती को 6 सेक्टरों में बांटा है. इसमें जोनल अधिकारी जोनल अभियंता लगाए गए हैं 2 सेक्टरों को अपर नगर आयुक्त को दिए गए हैं आरआर विभाग के अभियंता और अधिकारी पूरी टीम और मशीनरी के साथ सफाई कराएंगे और इस काम को करीब 1000 लोग मिलकर आगे बढ़ाएंगे.


गोमती में कुल 32 नाले गिरते हैं इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है और एसटीपी की क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए सबसे इंपोर्टेंट काम जल्द से जल्द हुआ है वह हैदर कैनाल और भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने का काम हुआ है और आगे भी इनकी क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर काम किया जाएगा.
-डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त, लखनऊ

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ की जीवनदायिनी कही जाने वाली गोमती की हालत दयनीय बनी हुई है गोमती का जल भी आचमन के लायक नहीं बचा है। अब राज सरकार के निर्देश पर लखनऊ नगर निगम प्रशासन ने गोमती सफाई कराने का बीड़ा उठाया है कि किया गया है।


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नगर निगम प्रशासन गोमती की सफाई कराने की बात कह रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि गोमती की सफाई के लिए राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में सेक्टरवार टीम बनाकर सफाई कराई जाएगी। नगर निगम प्रशासन के स्तर पर सफाई के लिए टीमें बनाई गई है। अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी के नेतृत्व में यह पूरा अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए छह टीमें बनाई गई हैं।
बाईट, डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त, लखनऊ
पूरी गोमती नगरिया नाले से शुरू होकर पिपराघाट तक बहती है। हमने गोमती की सफाई कराने के लिए गोमती को 6 सेक्टरों में बांटा है। जोनल अधिकारी जोनल अभियंता लगाए गए हैं 2 सेक्टर को अपर नगर आयुक्त को दिए गए हैं आरआर विभाग के अभियंता और अधिकारियों की पूरी टीम और मशीनरी के साथ सफाई कराई जाएगी इस काम में करीब 1000 लोग गोमती सफाई अभियान को आगे बढ़ाएंगे।

गोमती में गिरते हैं 32 नाले
राजधानी लखनऊ में बहने वाली गोमती में 32 नाले प्रवाहित होते हैं इन नालों के पानी को शोधित करके गोमती में गिराए जाने की योजना बनाई तो वही है लेकिन धरातल पर यह सिर्फ हवा हवाई ही साबित हो रही है नगर निगम प्रशासन अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने की बात कर रहा है जिससे आने वाले समय में गोमती में गिरने वाले नाले शोधित होकर गिरें।



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डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त लखनऊ
गोमती में कुल 32 नाले गिरते हैं इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है एसटीपी की क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए सबसे इंपोर्टेंट काम जो हुआ है वह हैदर कैनाल और भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने का काम हुआ है और आगे भी इनकी क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर काम किया जाएगा।





Conclusion:अब देखने वाली बात यह होगी कि अगर निगम प्रशासन अपने दावों के अनुसार धरातल पर गोमती की सफाई किस प्रकार से शुरू कर आता है जिससे गोमती का जल अविरल और निर्मल हो सकेगा।


धीरज त्रिपाठी 9453099555

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