लखनऊ: स्कूल की फीस जमा करने के लिए ट्यूशन पढ़ाने वाली 18 साल की छात्रा के साथ राजधानी में गैंगरेप की घटना ने सभी को झन्झोर कर रख दिया है. पीड़ित छात्रा के साथ ऑटो चलाने वाले दरिंदों ने 3 घंटे तक रेप किया और उसके पूरे शरीर में जख्म भी दिए. वहीं, पुलिस को एफआईआर दर्ज करने में 24 घंटे और मेडिकल कराने में 26 घंटे लग गए. यह राजधानी के उस जोन में हुआ जहां की डीसीपी खुद एक महिला है. डीसीपी ईस्ट प्राची सिंह ने बताया कि पीड़िता के पिता की शिकायत पर गोमती नगर थाने में पोक्सो एक्ट व दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं.
महज कुछ दिन पहले 18वां जन्मदिन मना चुकी इंटरमीडिएट में पढ़ने वाली पीड़िता के मुताबिक, 15 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 45 मिनट पर कथौता इलाके में घर जाने के लिए उसने एक ऑटो लिया था. हुसड़िया चौराहे के पास पहुंचते ही ड्राइवर ने ऑटो को शहीद पथ पर चढ़ा लिया. इस पर उसने ड्राइवर को गलत दिशा में जाने के लिए टोका तो ड्राइवर ने सवारी लेने की बात कही और आगे निकल गया. थोड़ी दूर चलने के बाद उसे कुछ संदेह हुआ तो उसने शोर मचाना शुरू कर दिया. इस पर पहली बार दोनों ने उसे डांटा. लेकिन, वह चुप नहीं हुई. दूसरी बार शोर मचाने पर उन्होंने उसके सिर पर किसी भारी चीज से हमला कर दिया. इससे वह बेहोश हो गई.
पीड़िता के मुताबिक, दोनों आरोपी उसे ऑटो से सुशांत गोल्फ सिटी के प्लासियो मॉल के पास झाड़ियों में लेकर गए. वहां उसके साथ दोनों ने 3 घंटे तक रेप किया. यही नहीं उसके शरीर पर कई जख्म तक दिए. उसके बाद CNG पंप के पास उसे उतार कर दूसरा शख्स CNG भरवाने चला गया. बाद में उसे हुसड़िया चौराहे पर फेंक दिया.
पुलिस वाले पीड़िता को टरकाते रहे
पीड़िता ने बताया कि होश में आने के बाद उसने अपने घरवालों को कॉल किया और डायल 112 से मदद मांगने पर सिपाही उसे कठौता तक ले गए और वापस आकर फिर वहीं छोड़ दिया. इसके बाद वह किसी तरह से घर पहुंची. घरवाले उसे लेकर गोमती नगर थाना अंतर्गत हुसड़िया चौराहे पर बने पुलिस बूथ लेकर गए. लेकिन, घटना स्थल विभूति खंड का बताकर उसे वहां से चलता कर दिया गया. पीड़िता जब विभूति खंड थाने पहुंची तो वहां भी उसे घटना सुशांत गोल्फ सिटी का बताते हुए भेज दिया गया. सुशांत गोल्फ सिटी जाने पर भी पीड़िता की सुनवाई नहीं हुई.
फीस जमा करने के लिए पढ़ा रही थी ट्यूशन
पीड़िता के रिश्तेदार के मुताबिक, छात्रा के पिता की माली हालत ठीक नहीं है. छात्रा राजधानी के एक नामचीन स्कूल में पढ़ती है और बीते कई महीनों की फीस नहीं जमा कर सकी थी, जिस कारण वह ट्यूशन पढ़ा रही थी. उन्हीं पैसों से अपनी फीस जमा कर रही थी. पीड़िता 3 माह पहले ही बालिग हुई थी, हालांकि उसने अपना 18वां जन्मदिन सितंबर में मनाया था.
पुलिस FIR दर्ज करने से बचती रही
पीड़िता की दोस्त के मुताबिक, उसने अपने साथ हुई आपबीती अपने मां-बाप के अलावा उसे ही बताया था. घटना की जानकारी होने के बाद दूसरे दिन यानी कि 16 अक्टूबर को वो लोग एक बार फिर विभूतिखंड थाने गए तो वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मी बदनामी होने की बात कहते हुए FIR न लिखवाने की सलाह दे रहे थे. यही नहीं जब उसे शाम को हॉस्पिटल मेडिकल के लिए ले जाया गया था, तब भी वहां उसके साथ पुलिस का रवैया ठीक नहीं था.
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प्रमुख सचिव गृह के संज्ञान में आते ही दर्ज हुई FIR
पीड़िता के साथ हुई दरिंदगी व पुलिस की लापरवाही की सूचना आग की तरह फैली तो सूबे के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने तत्काल घटना का संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. तब जाकर मुकदमा दर्ज किया गया. विभूतिखंड थाने के इंस्पेक्टर राम सिंह का कहना है कि छात्रा की तहरीर पर FIR दर्ज कर ली गई है. दोनों आरोपियों की शिनाख्त कर ली गई है. युवकों की पहचान आकाश और इमरान के रूप में हुई है.