लखनऊ: राजधानी के क्रिश्चियन कॉलेज मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है. बुधवार को पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक और वर्तमान में लखीमपुर खीरी के DIOS डॉ. अमरकांत सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है. लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज मामले में समय पर कार्रवाई न करने के आरोप में अमरकांत सिंह पर यह कार्रवाई की गई. वहींं, मंगलवार को पूर्व DIOS डॉ. मुकेश कुमार सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है. मुकेश कुमार के सस्पेंशन के बाद लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज मामले (Lucknow Christian College case) में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है.
अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की तरफ से डॉ. अमरकांत सिंह को सस्पेंड किए जाने के आदेश जारी किए गए. निलंबन अवधि के दौरान डॉ. अमरकांत सिंह बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध किया गया है. उन पर आरोप है कि सेंटीनियल स्कूल पर शिक्षा माफिया के कब्जे को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक अमरकांत सिंह से शिकायत की गई थी, लेकिन उनकी तरफ से इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया. जिसके चलते सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय पर शिक्षा माफियाओं ने कब्जा कर लिया.
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लालबाग की प्रिंसिपल ने रचा था कब्जे का खेलः लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह ने लखनऊ क्रिश्चियन इंटर कॉलेज और लखनऊ क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज की प्रबंध समिति पर कब्जे का षड्यंत्र रचा था. विभागीय जांच इस बात की में पुष्टि हुई है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे अणिमा रिसाल सिंह ने बतौर प्रबंधक अपनी दावेदारी प्रस्तुत की. शासन के आदेश पर जेडी सुरेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से की गई जांच में इसका खुलासा भी हुआ. इसी गिरोह ने बाद में सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर कब्जा करने और वहां प्राइवेट स्कूल शुरू करने का खेल किया.
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अक्टूबर में शुरू हुई थी जांचः इस मामले में लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के प्रबंधक प्रो. रवि रोबर्ट लायल की तरफ से सीएम योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजा गया. इस पत्र के बाद अक्टूबर 2021 में लखनऊ मंडलायुक्त के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति ने जांच की. 32 पेज की जांच रिपोर्ट में इस पूरे फर्जीवाड़े को परत दर परत उधेड़ कर रख दिया गया है. रिपोर्ट ने सारे जांच खुलकर सामने आ गए है. रिपोर्ट में जांच टीम ने डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एंड चिट्स लखनऊ मण्डल से लेकर लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह तक को कटघरे में खड़ा किया है. अणिमा रिसाल सिंह के सभी दावों को कूटरचित और फर्जी बताया गया है.
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