लखनऊ : उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित रेलवे की फतेहअली काॅलोनी की जिस छत के ढहने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई थी, उसी काॅलोनी का मलबा बेचकर उत्तर रेलवे का खजाना भर गया है. लखनऊ मंडल की भंडार शाखा ने इस रेलवे कॉलोनी का मलबा बेचकर रिकॉर्ड कमाई की है.
70 रेल आवासों का मलबा : अधिकारियों के मुताबिक, लखनऊ के आलमबाग स्थित आनंदनगर के फतेहअली कॉलोनी के 70 रेल आवासों के कमरों का मलबा जिसकी सरकारी लागत 13 लाख 90 हजार रुपए आंकी गई थी, उसी मलबे को लागत से ज्यादा बढ़ोतरी के साथ 33 लाख 67 हजार रुपये में बेचकर रेलवे ने लाभ कमाया है. विभिन्न काॅलोनियों के 962 कंडम क्वाटर के स्क्रैप बेचकर कुल पांच करोड़ 17 लाख रुपये का रिकॉर्ड रेल राजस्व जमा हुआ. स्क्रैप के माध्यम से अर्जित की जाने वाली आय के मद्देनजर उत्तर रेलवे के सभी मंडलों में ये धनराशि सबसे ज्यादा है. उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक कृष्ण मुरारी की विशेष भूमिका रही, जिनके दिशा निर्देशन में स्क्रैप निस्तारण की प्रक्रिया को सुगम बनाया गया. परिणाम यह हुआ कि मलबा बेचकर ढाई गुना ज्यादा राजस्व हासिल करने का रिकार्ड बन गया.
स्क्रैप बेचकर रिकॉर्ड स्थापित किया : उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) डॉ. मनीष थपल्याल और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने इसी तरह अन्य विभाग के लोगों से भी कार्य करने की अपेक्षा की है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी रेलवे ने स्क्रैप बेचकर रिकॉर्ड स्थापित किया है, लेकिन कॉलोनियों का मलबा बेचकर यह रिकॉर्ड पहली बार कायम हुआ है.'