लखनऊः राजस्व परिषद के चर्चित अधिकारी विवेकानंद डोबरियाल ने मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज रमाकान्त प्रसाद की कोर्ट के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने धोखाधड़ी व पद का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ लेने आदि के मामले में डोबरियाल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. कोर्ट ने डोबरियाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तिथि तय की है. अभियुक्त डोबरियाल राजस्व परिषद के चेयरमैन के निजी सचिव के पद पर तैनात था.
विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्त विवेकानंद डोबरियाल ने आत्मसमर्पण करने के साथ ही जमानत अर्जी भी दाखिल की, जिस पर विशेष अदालत ने आत्म समर्पण अर्जी को मंजूर कर लिया. वहीं, सरकारी वकील अभितेष मिश्र ने जमानत अर्जी पर बहस के लिए समय की मांग की. विशेष अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया.
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च, 2022 को सेवानिवृत हुए विवेकानंद डोबरियाल के खिलाफ थाना कैसरबाग में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके मुताबिक सेवा में रहते हुए वह फर्जी शिकायत के आधार पर कर्मचारियों को दंडित करने की धमकी देकर धन उगाही करता था. राजस्व परिषद में अपनी नियुक्ति का अनुचित लाभ लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नियुक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो व लेखपालों का तबादला आदि कराने के नाम पर भी आर्थिक लाभ प्राप्त करता था. इस धन को प्रापर्टी व शेयर आदि में निवेश करता था. सुप्रीम कोर्ट ने 12 अक्टूबर को उसकी गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक निरस्त करते हुए उसे तीन सप्ताह में संबंधित अदालत के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया था.
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