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सावरकर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी का मामला, कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद में पुलिस जांच के आदेश दिए

लखनऊ जिला एवं सत्र न्यायालय ने विनायक दामोदर सावरकर पर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपों को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद में पुलिस जांच के आदेश दिए हैं.

लखनऊ जिला एवं सत्र न्यायालय
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Published : May 2, 2023, 10:29 PM IST

लखनऊः भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपों को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद में कोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से कराने का आदेश दिया है. एमपी-एमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई के लिए 6 जून की तारीख तय करते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि वह जांच कर एक माह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को दे.

कोर्ट ने हजरतगंज के थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि वह इस मामले की जांच किसी एसआई से करवाएं और एक माह में परिणाम से कोर्ट को अवगत कराएं. कोर्ट ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि मामला देखने से पता चलता है कि राहुल गांधी दिल्ली के रहने वाले हैं, जबकि उनके द्वारा जिस मानहानिकारक बयान देने की बात कही गई है, वह महाराष्ट्र के अकोला का है. ये दोनों ही जगहें कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर हैं. लिहाजा पुलिस से जांच कराया जाना आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि कोर्ट में वादी नृपेंद्र पांडेय की ओर से मामले में रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी देकर आरोप लगाया गया है कि पदयात्रा के दौरान जानबूझकर और एक सोची-समझी रणनीति व साजिश के तहत राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को अकोला, महाराष्ट्र में वैमनस्यता पैदा करने के लिए भारतीय इतिहास के नायक वीर सावरकर की सार्वजनिक मंच से निरंतर अमर्यादित आलोचना की.

कहा गया है कि राहुल गांधी ने देश के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है. अर्जी में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय विचारधारा के महानायक क्रांति वीर विनायक दामोदर सावरकर को राहुल गांधी ने निरंतर अंग्रेजों का पेंशनर, अंग्रेजों का नौकर, मददगार, अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर अनेकों दोषारोपण किया है. इस अर्जी को सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद परिवादी ने मामले में अपना और दो गवाहों के बयान दर्ज कराये थे.

पढ़ेंः इटावा में एक मंच पर दिखे शिवपाल सिंह यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव, भाजपा पर बोला हमला

लखनऊः भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपों को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद में कोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से कराने का आदेश दिया है. एमपी-एमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई के लिए 6 जून की तारीख तय करते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि वह जांच कर एक माह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को दे.

कोर्ट ने हजरतगंज के थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि वह इस मामले की जांच किसी एसआई से करवाएं और एक माह में परिणाम से कोर्ट को अवगत कराएं. कोर्ट ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि मामला देखने से पता चलता है कि राहुल गांधी दिल्ली के रहने वाले हैं, जबकि उनके द्वारा जिस मानहानिकारक बयान देने की बात कही गई है, वह महाराष्ट्र के अकोला का है. ये दोनों ही जगहें कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर हैं. लिहाजा पुलिस से जांच कराया जाना आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि कोर्ट में वादी नृपेंद्र पांडेय की ओर से मामले में रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी देकर आरोप लगाया गया है कि पदयात्रा के दौरान जानबूझकर और एक सोची-समझी रणनीति व साजिश के तहत राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को अकोला, महाराष्ट्र में वैमनस्यता पैदा करने के लिए भारतीय इतिहास के नायक वीर सावरकर की सार्वजनिक मंच से निरंतर अमर्यादित आलोचना की.

कहा गया है कि राहुल गांधी ने देश के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है. अर्जी में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय विचारधारा के महानायक क्रांति वीर विनायक दामोदर सावरकर को राहुल गांधी ने निरंतर अंग्रेजों का पेंशनर, अंग्रेजों का नौकर, मददगार, अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर अनेकों दोषारोपण किया है. इस अर्जी को सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद परिवादी ने मामले में अपना और दो गवाहों के बयान दर्ज कराये थे.

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