लखनऊ: राजधानी में अवैध रूप से मिट्टी खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था. इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस ने जिला प्रशासन से की और जिला प्रशासन में बैठे तहसील सदर के एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने उसको खारिज कर दिया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को ग्राउंड स्तर पर जाकर कवर किया तो हकीकत सामने आई.
जानें पूरा मामला
बता दें कि राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कुसमरा और हलवापुर में अवैध रूप से मिट्टी खनन के कारोबार को लेकर शिकायतें मिल रही थीं. स्थानीय पुलिस ने इस पर निरीक्षण रिपोर्ट लगाकर जिला प्रशासन को भेजा था. जिसे तहसील सदर एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने खारिज कर दिया था. इस खबर को ग्राउंड स्तर पर कवर करने के बाद खनिज अधिकारी ने कहा था कि रिपोर्ट के बाद जल्द कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की स्थानीय रिपोर्ट में तो सिर्फ अवैध रूप से खनन किया जा रहा था, लेकिन जांच रिपोर्ट के आधार पर ईटीवी भारत ने कुछ और भी तथ्य पाए. जिसमें पुराना जंगल और नदी की रेत भी खोदी गई थी.
इन सभी तथ्यों के साथ खबर को जब ईटीवी भारत ने चलाया तब जिला प्रशासन ने इसपर संज्ञान लिया. अवैध रूप से मिट्टी का खनन कर रहे माफियाओं पर उन्होंने 35,00,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया.
इस बारे में जिला खनिज अधिकारी सुशील तिवारी ने बताया कि अवैध रूप से खनन का कारोबार चल रहा था. इस बारे में स्थानीय पुलिस ने अवगत कराया था, लेकिन मौके पर और भी चीजें निकल कर आई हैं जिनके आधार पर सद्भावना मेसर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 35,00,000 का जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने मानक के विपरीत खुदाई की है और ग्राम समाज के जंगल को भी खोद डाला है. वहीं दूसरी ओर नदी के रेत की भी खुदाई की है.