लखनऊ : विकास प्राधिकरण लखनऊ द्वारा आशियाना क्षेत्र में सील किए गए निर्माणाधीन होटल की सील खोलकर पुनः निर्माण एवं फिनिशिंग का कार्य कराने पर एलडीए उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने भवन स्वामी औऱ बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. प्रकरण में प्रवर्तन जोन-2 में तैनात अवर अभियंता द्वारा आशियाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि हरप्रीत कौर एवं सर्वजीत सिंह द्वारा आशियाना के सेक्टर-एन में भूखंड संख्या-424बी पर लगभग 240 वर्गमीटर क्षेत्रफल में समस्त सेटबैक को आच्छादित करते हुए बेसमेंट (व्यावसायिक किचन, बड़ी चिमनी, बर्किंग स्लैब व हाॅल) भूतल एवं प्रथम तल पर व्यावसायिक हाॅल, द्वितीय तल, लाॅबी, किचन, होटल के उपयोग हेतु कमरे एवं तृतीय तल पर ममटी, मशीन रूम, बाॅथरूम, स्वीमिंग पूल व रूफटाॅप रेस्टोरेंट निर्मित करने के लिए स्टील पाइप द्वारा काॅफर आदि का निर्माण कराया गया था. इसके विरुद्ध विहित न्यायालय में वाद योजित करते हुए परिसर को पूर्व में सील किया गया था. उक्त प्रकरण में विपक्षी द्वारा शमन मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया गया. जिस पर परिसर को पुलिस अभिरक्षा में सौंपते हुए ध्वस्तीकरण आदेश पारित किए गए थे.
जोनल अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में बिल्डर/भवन स्वामी द्वारा प्राधिकरण द्वारा लगाई गई सील को खोलकर स्थल पर निर्माण/फिनिशिंग का कार्य कराया जा रहा था. इस पर प्रवर्तन जोन-2 में तैनात अवर अभियंता बिजेन्द्र कुमार सिंह द्वारा हरप्रीत कौर एवं सर्वजीत सिंह के खिलाफ आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. उन्होंने बताया कि परिसर को पुनः सील किया गया है. जल्द ही अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी.
कृष्णानगर में निर्माणाधीन अवैध काॅम्पलेक्स सील : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा शहर में अवैध निर्माण/प्लाटिंग के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई किए जाने के निर्देशों के क्रम में गुरुवार को प्रवर्तन जोन-3 की टीम ने कृष्णानगर में यातायात पार्क के पास एक निर्माणाधीन अवैध काॅम्पलेक्स को सील किया. प्रवर्तन जोन-3 के जोनल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अशोक यादव द्वारा कृष्णानगर के नारायणपुरी में यातायात पार्क के पास गाटा संख्या-895 पर लगभग 3500 वर्ग फिट क्षेत्रफल में आरसीसी काॅलम का निर्माण कर भूतल पर शटरिंग करते हुए स्लैब ढालने का कार्य कराया जा रहा था. प्रकरण में विपक्षी द्वारा निर्माण के सम्बंध में कोई स्वीकृत मानचित्र/साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. जिस पर प्रश्नगत स्थल को सील किए जाने के आदेश पारित किए गए थे. सहायक अभियंता वाईपी सिंह के नेतृत्व में अवर अभियंता भरत पांडेय व जगदीश सिंह द्वारा प्राधिकरण पुलिस बल व स्थानीय थाने के पुलिस बल के सहयोग से अवैध निर्माण को सील कर दिया गया.
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