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100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात

इंजीनियरों और ठेकेदारों के खेल का जीता जागता उदाहरण देखना है तो लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में लक्ष्मी मार्केट के सामने की 100 मीटर सड़क निर्माण देखना चाहिए. यहां 100 मीटर की सड़क बनाने में तीन साल में डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च हो गए, लेकिन यहां के निवासियों को जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सकी है.

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Published : Mar 21, 2023, 6:20 PM IST

100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.

लखनऊ : गोमतीनगर विस्तार में लक्ष्मी मार्केट के सामने की 100 मीटर सड़क को बनाने में पिछले करीब तीन साल में डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. यहां पहले सड़क बनी तो जलभराव हुआ. इसके बाद में जलभराव को खत्म करने के लिए नाला बनाया गया तो सड़क नीची हो गई. इसके बाद में फिर जलभराव हुआ. फिर से सड़क बनाई गई. इसके बावजूद समस्या से निजात नहीं मिली तो दोबारा नया नाला बनाया गया. इस पूरी कवायद में अब तक लोगों को राहत नहीं मिल सकी है. बहरहाल इस कवायद में डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.

100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.
100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.


लक्ष्मी मार्केट की यह सड़क गोमतीनगर विस्तार जाने का सबसे प्रमुख मार्ग है. सुलभ आवास योजना और रिवर व्यू योजना में रहने वाले हजारों लोगों का यह रास्ता है. पिछले करीब पांच साल से यहां से निकलना दूभर हो चुका है. तीन बार इस सड़क का निर्माण हो चुका है तो दो बार इस सड़क से लगी नाली का निर्माण किया गया. इसके बावजूद सड़क पर पानी का जमा होना बंद नहीं हुआ. स्थानीय गायत्री मंदिर के संचालक आत्माराम तिवारी ने बताया कि मैं पिछले 5 साल से यहां का बुरा हाल देख रहा हूं. कभी नाली बनती है तो कभी सड़क बनती है, लेकिन बारिश हो ना हो यहां का जलभराव समाप्त नहीं होता. यहां गायत्री मंदिर है और धार्मिक कार्य होते रहते हैं. ऐसे में इस गंदगी से जीना दूभर हो चुका है.

100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.
100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.

गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति के महामंत्री राम कुमार यादव ने बताया कि लगातार हम इस सड़क के पुनर्निर्माण की मांग उठाते रहते हैं. सड़क बनती भी है रुपये खर्च भी होते हैं. इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल रहा. कल्पतरू अपार्टमेंट में रहने वाले सुशील कुमार गौतम ने बताया कि कितने साल हो गए, लेकिन लक्ष्मी मार्केट की सड़क का उद्धार नहीं हो सका. लखनऊ जन कल्याण समिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि पहले सड़क का निर्माण हुआ. पानी जमा होने लगा तो फिर नाली का निर्माण किया गया. नाली ऊपर और सड़क नीचे हो गई. इसके बाद में नाला बनाने की बात कही गई तो फिर से नाली बना दी गई. फिर सड़क ऊंची हो गई. सीसी रोड बनाई गई तो सड़क और ऊंची हो गई. फिर से नाली बनाई गई तो सड़क नीचे और नाली ऊपर हो गई. इसी गड़बड़झाले के चक्कर में हाल बुरा होता चला जा रहा है. यह सड़क ठीक नहीं हो पा रही. इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इस सड़क और नाली का निर्माण नए सिरे से करवाया जाएगा. यहां सड़क का लेवल नीचे होने की वजह से पानी रुकता है. हम इसको जल्द दुरुस्त कराएंगे.

यह भी पढ़ें : Umesh Pal murder case : बम से हमला करने वाले गुड्डू मुस्लिम के घर पर भी चलेगा बुलडोजर

100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.

लखनऊ : गोमतीनगर विस्तार में लक्ष्मी मार्केट के सामने की 100 मीटर सड़क को बनाने में पिछले करीब तीन साल में डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. यहां पहले सड़क बनी तो जलभराव हुआ. इसके बाद में जलभराव को खत्म करने के लिए नाला बनाया गया तो सड़क नीची हो गई. इसके बाद में फिर जलभराव हुआ. फिर से सड़क बनाई गई. इसके बावजूद समस्या से निजात नहीं मिली तो दोबारा नया नाला बनाया गया. इस पूरी कवायद में अब तक लोगों को राहत नहीं मिल सकी है. बहरहाल इस कवायद में डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.

100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.
100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.


लक्ष्मी मार्केट की यह सड़क गोमतीनगर विस्तार जाने का सबसे प्रमुख मार्ग है. सुलभ आवास योजना और रिवर व्यू योजना में रहने वाले हजारों लोगों का यह रास्ता है. पिछले करीब पांच साल से यहां से निकलना दूभर हो चुका है. तीन बार इस सड़क का निर्माण हो चुका है तो दो बार इस सड़क से लगी नाली का निर्माण किया गया. इसके बावजूद सड़क पर पानी का जमा होना बंद नहीं हुआ. स्थानीय गायत्री मंदिर के संचालक आत्माराम तिवारी ने बताया कि मैं पिछले 5 साल से यहां का बुरा हाल देख रहा हूं. कभी नाली बनती है तो कभी सड़क बनती है, लेकिन बारिश हो ना हो यहां का जलभराव समाप्त नहीं होता. यहां गायत्री मंदिर है और धार्मिक कार्य होते रहते हैं. ऐसे में इस गंदगी से जीना दूभर हो चुका है.

100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.
100 मीटर सड़क बनाने में खर्च हो गए दो करोड़ रुपये फिर भी जलभराव से नहीं मिली निजात.

गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति के महामंत्री राम कुमार यादव ने बताया कि लगातार हम इस सड़क के पुनर्निर्माण की मांग उठाते रहते हैं. सड़क बनती भी है रुपये खर्च भी होते हैं. इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल रहा. कल्पतरू अपार्टमेंट में रहने वाले सुशील कुमार गौतम ने बताया कि कितने साल हो गए, लेकिन लक्ष्मी मार्केट की सड़क का उद्धार नहीं हो सका. लखनऊ जन कल्याण समिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि पहले सड़क का निर्माण हुआ. पानी जमा होने लगा तो फिर नाली का निर्माण किया गया. नाली ऊपर और सड़क नीचे हो गई. इसके बाद में नाला बनाने की बात कही गई तो फिर से नाली बना दी गई. फिर सड़क ऊंची हो गई. सीसी रोड बनाई गई तो सड़क और ऊंची हो गई. फिर से नाली बनाई गई तो सड़क नीचे और नाली ऊपर हो गई. इसी गड़बड़झाले के चक्कर में हाल बुरा होता चला जा रहा है. यह सड़क ठीक नहीं हो पा रही. इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इस सड़क और नाली का निर्माण नए सिरे से करवाया जाएगा. यहां सड़क का लेवल नीचे होने की वजह से पानी रुकता है. हम इसको जल्द दुरुस्त कराएंगे.

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