लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow development authority) अपने उन आवंटियों को संपत्ति से बेदखल करने जा रहा है, जिन्होंने ना तो अभी तक बकाया जमा किया है और न ही एकमुश्त समाधान योजना में समाधान के लिए आवेदन ही किया है. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने एकमुश्त समाधान योजना में आवेदन करने वाले सभी प्रकरणों को इसी महीने के अंत तक निस्तारित करने के निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने नोडल अफसरों की जिम्मेदारी तय करते हुए हिदायत दी कि ओटीएस से संबंधित मामले किसी भी हाल में लंबित न रहें.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने आज सोमवार को ओटीएस प्रकरणों की समीक्षा की. बैठक के दौरान वित्त नियंत्रक राजीव कुमार द्वारा बताया गया की ओटीएस के तहत कुल 3716 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 2769 मामले पर कार्रवाई की जा चुकी है, जबकि 929 मामले प्रक्रिया में है. उपाध्यक्ष ने इन बचे हुए प्रकरणों को भी जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए. उपाध्यक्ष ने अधिकारियों से कहा कि वे प्राधिकरण के कुल बकायेदार आवंटियों की सूची तैयार कर लें. फिर इसके बाद देखें कि इनमें से कितने बकायेदारों ने ओटीएस के तहत आवेदन किया है.
प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा कि जिन बकायेदारों ने ओटीएस के तहत आवेदन नहीं किया है, उन्हें नियमानुसार धनराशि जमा न करने के कारण संपत्ति के निरस्तीकरण की नोटिस भेजी जाए. इसके बाद भी बकाया धनराशि नहीं जमा होती है तो संबंधित बकायेदारों को संपत्ति से बेदखल किया जाए. प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा कि जिन बकायेदारों ने ओटीएस के तहत आवेदन नहीं किया है, उन्हें नियमानुसार धनराशि जमा न करने के कारण संपत्ति के निरस्तीकरण की नोटिस भेजी जाए। इसके बाद भी बकाया धनराशि नहीं जमा होती है तो संबंधित बकायेदारों को संपत्ति से बेदखल किया जाए.