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LDA ने लोकायुक्त को भेजी मुलायम के समधी-समधन की संपत्तियों की रिपोर्ट

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के समधी और समधन बिष्ट दंपत्ति की संपत्तियों की जानकारी लोकायुक्त को भेज दी है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त ने बिष्ट दंपत्ति की संपत्तियों की जानकारी मांग थी.

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मुलायम के समधि की एलडीए ने भेजी रिपोर्ट
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Published : Jan 16, 2021, 7:27 PM IST

लखनऊः विकास प्राधिकरण ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के समधी और समधन बिष्ट दंपत्ति की संपत्तियों की जानकारी लोकायुक्त को भेज दी है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त ने पिछले दिनों लखनऊ विकास प्राधिकरण से बिष्ट दंपत्ति की संपत्तियों की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद एलडीए ने उनकी संपत्तियों की प्रॉपर्टी विभाग से जानकारी जुटाई और फिर एक रिपोर्ट बनाकर लोकायुक्त को भेज दी गई है. रिपोर्ट में बिष्ट दंपत्ति के नाम 3 संपत्तियों की जानकारी दी गई है. अंबे बिष्ट नगर निकाय सेवा की अधिकारी हैं. वह इस समय नगर निगम में जोनल अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. इससे पहले वह एलडीए में भी उप सचिव के पद पर कार्यरत थीं.

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लोक आयुक्त उत्तर प्रदेश
तीन सम्पतियों की जानकारी भेजी गई एलडीए के अधिकारियों ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट और उनके पति पूर्व सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट की तीन संपत्तियों की जानकारी भेजी गई है. भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार अंबी बिष्ट और उनके पति अरविंद सिंह बिष्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से नियमों के खिलाफ तीन प्लाट लिए थे. भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में एलडीए ने उनके तीनों प्लॉटों को निरस्त करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा था.

यहां पर है संपत्ति
एलडीए की तरफ से लोकायुक्त को भेजी गई संपत्तियों की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट ने पत्रकार कोटे से गोमती नगर के विराज खंड में एक प्लॉट लिया था. जिसका नंबर सी 1 3 है. इसके अलावा उनकी पत्नी अंबे बिष्ट ने कर्मचारी कोटे से गोमती नगर के विराट खंड में दो 12 नंबर का भूखंड आवंटित कराया था. बिष्ट दंपत्ति ने इसके अलावा एलडीए से गोमती नगर के ही रतन खंड में एक और भूखंड लिया था. जिसका नंबर 1/ 1370 है. हालांकि बाद में इस प्लॉट को बिष्ट दंपत्ति ने किसी और को बेच दिया था.

फर्जीवाड़े का भी आरोप
पूर्व सूचना आयुक्त और अरविंद सिंह बिष्ट के नाम अलीगंज क्षेत्र के चांदगंज में एक पट्टा आवंटन का मामला भी इस रिपोर्ट में भेजा गया है. इस करोड़ों रुपए कीमती जमीन को पट्टे पर लिया गया था. इस जमीन को बाद में अपने नाम करके बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया था. हालांकि बाद में अरविंद सिंह बिष्ट और अंबी बिष्ट ने रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन पत्र देकर इस प्लॉट को निरस्त करने का आवेदन दिया था. जिसको लेकर भी तमाम तरह के विवाद और भ्रष्टाचार की बात सामने आई थी.

लखनऊः विकास प्राधिकरण ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के समधी और समधन बिष्ट दंपत्ति की संपत्तियों की जानकारी लोकायुक्त को भेज दी है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त ने पिछले दिनों लखनऊ विकास प्राधिकरण से बिष्ट दंपत्ति की संपत्तियों की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद एलडीए ने उनकी संपत्तियों की प्रॉपर्टी विभाग से जानकारी जुटाई और फिर एक रिपोर्ट बनाकर लोकायुक्त को भेज दी गई है. रिपोर्ट में बिष्ट दंपत्ति के नाम 3 संपत्तियों की जानकारी दी गई है. अंबे बिष्ट नगर निकाय सेवा की अधिकारी हैं. वह इस समय नगर निगम में जोनल अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. इससे पहले वह एलडीए में भी उप सचिव के पद पर कार्यरत थीं.

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तीन सम्पतियों की जानकारी भेजी गई एलडीए के अधिकारियों ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट और उनके पति पूर्व सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट की तीन संपत्तियों की जानकारी भेजी गई है. भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार अंबी बिष्ट और उनके पति अरविंद सिंह बिष्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से नियमों के खिलाफ तीन प्लाट लिए थे. भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में एलडीए ने उनके तीनों प्लॉटों को निरस्त करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा था.

यहां पर है संपत्ति
एलडीए की तरफ से लोकायुक्त को भेजी गई संपत्तियों की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट ने पत्रकार कोटे से गोमती नगर के विराज खंड में एक प्लॉट लिया था. जिसका नंबर सी 1 3 है. इसके अलावा उनकी पत्नी अंबे बिष्ट ने कर्मचारी कोटे से गोमती नगर के विराट खंड में दो 12 नंबर का भूखंड आवंटित कराया था. बिष्ट दंपत्ति ने इसके अलावा एलडीए से गोमती नगर के ही रतन खंड में एक और भूखंड लिया था. जिसका नंबर 1/ 1370 है. हालांकि बाद में इस प्लॉट को बिष्ट दंपत्ति ने किसी और को बेच दिया था.

फर्जीवाड़े का भी आरोप
पूर्व सूचना आयुक्त और अरविंद सिंह बिष्ट के नाम अलीगंज क्षेत्र के चांदगंज में एक पट्टा आवंटन का मामला भी इस रिपोर्ट में भेजा गया है. इस करोड़ों रुपए कीमती जमीन को पट्टे पर लिया गया था. इस जमीन को बाद में अपने नाम करके बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया था. हालांकि बाद में अरविंद सिंह बिष्ट और अंबी बिष्ट ने रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन पत्र देकर इस प्लॉट को निरस्त करने का आवेदन दिया था. जिसको लेकर भी तमाम तरह के विवाद और भ्रष्टाचार की बात सामने आई थी.

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