लखनऊ: संपत्ति के मूल्य का एक फीसदी के स्थान पर लखनऊ विकास प्राधिकरण में सगे संबंधियों के बीच नामांतरण (lda property transfer fees) होने की दशा में केवल 9500 रुपये ही शुल्क लिया जाएगा. मुख्यमंत्री के आदेश पर यह नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है. इससे हजारों लोगों को फायदा होगा. अब तक लोगों को म्यूटेशन पर लाखों रुपये खर्च करने पड़ते थे. इसके साथ ही नामांतरण पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुका है. अब मानवीय दखल को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, जिससे आम लोगों को लखनऊ विकास प्राधिकरण के कम से कम चक्कर काटने पड़ते हैं. इसके साथ ही भ्रष्टाचार की संभावना भी कम हो गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्व विभाग को आदेश दिया था कि वह सगे संबंधियों के बीच रजिस्ट्री और नामांतरण होने पर शुल्क अधिक न ले. उसको कम से कम रखा जाए. सामान्य तौर पर रजिस्ट्री होने की दशा में महिला के नाम पर सात फीसदी स्टाम्प शुल्क और पुरुष के लिए आठ फीसदी दर सर्किल रेट के हिसाब से तय है. पहले सगे संबंधियों की रजिस्ट्री में भी यही दर लगाई जाती थी. ऐसे में सगे संबंधियों के बीच खरीद-फरोख्त न होने के बावजूद उनको स्टाम्प ड्यूटी सामान्य तरीके से देनी पड़ती थी, जिससे उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों पर हर साल अरबों रुपये का बोझ आ जाता था. इससे सरकारी खजाना तो भर जाता था. लेकिन, आम लोगों की जेब बेवजह ही खाली होती थी. इन चीजों से उबरने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सगे संबंधियों के बीच रजिस्ट्री और नामांतरण की दशा में न्यूनतम स्टाम्प ड्यूटी लेने की शर्त रख दी है, जिससे लोगों को राहत मिल रही है.
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पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास नितिन गोकर्ण रमेश की ओर से भी विकास प्राधिकरण में आदेश जारी किया गया था कि सगे संबंधियों के बीच होने वाले नामांतरण में शुल्क 10000 रुपये से अधिक न रखें. बाद में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने भी इस व्यवस्था को लागू कर दिया. इसके तहत सगे संबंधियों के बीच नामांतरण होने की दशा में केवल 9500 रुपये का शुल्क रखा गया है. यह पहले संपत्ति के सर्किल रेट का 1% हुआ करता था, जोकि कभी-कभी लाखों रुपये तक पड़ता था. इसको बहुत कम कर दिया गया है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि आम लोगों पर सरकार की मंशा है कि कम से कम बोझ पड़े.
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