लखनऊ: राजधानी में कई लोगों से वर्क फ्रॉम होम के नाम से ठगी करने का मामला सामने आया है. जहां ठगों ने एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी से वर्क फ्रॉम होम करते हुए गूगल रिव्यू करने का ऑफर दिया. इसके बाद टेलीग्राम की आईडी पर ऐड करवाकर कई टास्क दिया गया. इस दौरान पैसों का लालच देते हुए लाखों रुपये की ठगी कर ली गई. इसी तरह ठगों ने जानकीपुरम निवासी एक युवक से 45 लाख रुपये की ठगी कर ली. पीड़ितों ने तहरीर देकर लखनऊ साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया है. क्राइम विभाग मामले की जांच पड़ताल में जुटी है.
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लुभावनी स्कीम के बहाने ठगीः पीजीआई थाना क्षेत्र के तेलीबाग निवासी वैभव शुक्ला एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. पीड़ित ने साइबर क्राइम विभाग को बताया कि 22 जुलाई को उनके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया और गूगल रिव्यू करने के बदले अधिक कमीशन दिए जाने का लालच दिया गया. वह ठगों की लुभावनी स्कीम के चक्कर में फंस गया. ठगों द्वारा शुरुवात में उन्हें 3 टास्क दिए गए. जिसे पूरा करने के बाद उन्हें 150 रुपए दिए गए. इसके बाद उन्हें टेलीग्राम में @Rita3034 से बात करने के लिए कहा गया. जहां उन्हें बताया गया कि वो बिटकॉइन में ट्रेडिंग करते हैं. इसके लिए कम से कम 1,000 रूपये इन्वेस्ट करने होते हैं. उन्हें पैसों का 30 प्रतिशत मुनाफा होता है. वैभव ने पहले 1,000 रुपये जमा कर दिए. इसके बाद उन्हें लाभ दिया गया. इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने 10 लाख 47 हजार रुपए जमा कर दिए लेकिन फिर उन्हे कोई रिटर्न नहीं दिया गया. बल्कि उन्हें टेलीग्राम ग्रुप से निकाल दिया गया. इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया.
लॉगिन आईडी से ठगीः इसी तरह फाइनेंशियल कंपनी में काम करने वाले जानकीपुरम निवासी राजीव सिंह ने साइबर क्राइम विभाग को बतया कि उन्हें 3 जुलाई को टेलीग्राम में एक मैसेज आया और कहा गया कि एक मल्टीनेशनल कंपनी को ऑनलाइन रेटिंग देकर वो भारी मुनाफा कमा सकते हैं. ठगों ने उन्हें एक वेबसाइट का लिंक भेज कर उसमें रजिस्टर होने के लिए कहा. वह उस लिंक के माध्यम से रजिस्टर हो गए. इसके बाद उस लॉगिन आईडी से कुछ रेटिंग करने पर उन्हें तत्काल 900 रुपए प्राप्त हो गए. उसके बाद उन्हें 10,800 रुपए देकर आगे काम करने के लिए कहा गया. उनके द्वारा ऐसा करने पर उन्हें 12,800 रुपए प्राप्त हो गए. इसके बाद धीरे-धीरे पीड़ित ने अधिक मुनाफा कमाने के लालच में 45 लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिए. जिसके बाद ठगों ने पीड़ित से बात करना बंद कर दिया. ठगी की जानकारी होने पर उन्होंने लखनऊ साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया.
वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी: साइबर क्राइम थाना प्रभारी मुस्लिम खान ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम, गूगल रिव्यू या टास्क पूरा कर अधिक पैसा कमाने के नाम पर ठगी की गई है. इसमें साइबर ठग पीड़ित को पहले टास्क के बारे में बताते हैं. इसके बाद जब पीड़ित टास्क पूरा करने के लिए तैयार हो जाता है तो ठग उसे एक लिंक भेजते हैं. साथ ही रेटिंग और लाइक करवाते हैं. छोटे-छोटे टास्क कराकर तत्काल मुनाफा उसके खाते में जमा करवाते हैं. पीड़ित का भरोसा जीतने के बाद बड़ा टास्क पूरा करवाने के नाम पर उससे अलग-अलग अकाउंट में पैसे डलवाते हैं. इसके बाद गायब हो जाते हैं.
अधिकतम राशि मिलते ही फरारः साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि ठग 2 तरह से लोगों को ठगते हैं. जिसमें एक डर और दूसरा लालच है. वर्क फ्रॉम होम में ठग लालच करने वालों को अपना शिकार बनाते हैं. यहां लोग आसानी से ठगों के जाल में फंस जाते हैं. यहां पीड़ित टास्क पूरा करता रहता है कि उसे लाभ मिलेगा. इसके लिए ठग मुनाफा के रूप में मिलने वाली रकम के लिए एक अलग-अलग नाम की वेबसाइट में एक वॉलेट बनवाते हैं. जिसमें टॉस्क पूरा करने के बाद ही पेमेंट होने की बात करते हैं. उस वॉलेट में बढ़ती हुई रकम को देख कर पीड़ित अपनी पूंजी लगाता चला जाता है. जब पीड़ित अपनी अधिकतम राशि लगा देता है. उसी दौरान ठग पीड़ित से संपर्क तोड़ लेते हैं.
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