लखनऊ : राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के सौंदर्यीकरण के लिए वर्ष 2020 से पांच करोड़ रुपये का बजट पास हुआ था. कोविड काल से पहले शुरू हुआ काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. प्रेक्षागृह मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद से बंद चल रहा था, जिस वजह से सांस्कृतिक गतिविधियां नहीं हो पा रही थीं. प्रेक्षागृह के अंदर पड़ी कुर्सियों की हालत बेहद खराब हो चुकी है. कुछ के कवर फट गए हैं तो कुछ टूट चुकी हैं. इन दिनों उनमें धूल जमी है. मॉनिटरिंग के लिए संस्कृति विभाग के तीन सदस्य हैं. फिलहाल मेन हॉल, फायर, लाइट, साउंड, एसी का काम अभी बाकी हैं. नौ लोग काम कर रहे हैं.
कलाकारों ने कही यह बात : लखनऊ के जाने माने कलाकार महेश चंद्र देवा ने बताया कि बली प्रेक्षागृह का किराया सिर्फ तीन हजार रुपये है. दूसरे सभागार को बुक करने के लिए छोटे कलाकारों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बली प्रेक्षागृह धरोहर है, आज यहां सन्नाटा पसरा है, जिसे देखकर बेहद दुख होता है. अधिकारियों से यही मांग है कि इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाए. कलाकार चंद्रभास ने बताया कि उन्होंने यहीं से रंगमंच की एबीसीडी सीखी है. आज इसकी दुर्दशा देखकर बहुत दुख होता है. युवा कलाकारों के लिए यह सस्ता पड़ता था, लेकिन यहां पर मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. उन्होंने सरकार और संबंधित अधिकारियों से मांग की है कि इसकी शुरुआत जल्द से जल्द की जाए.
भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार (पीसीएस) डॉ. सृष्टि धवन ने बताया कि मौजूदा समय में राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का काम तेजी से चल रहा है. पिछले कुछ वर्षों में काम थोड़ा धीरे हुआ है, लेकिन वर्तमान में काम बहुत तेजी से चल रहे हैं. जल्द ही एक महीने के अंदर मेन हॉल बनकर तैयार हो जाएगा. जहां पर अत्याधुनिक लाइटें व साउंड की व्यवस्था की जा रही है. बड़े पर्दे लगाए जा रहे हैं. यह एक ऐतिहासिक धरोहर के समान है और इस प्रेक्षागृह से बहुत से कलाकार जुड़े हुए हैं. उन कलाकारों के लिए यह प्रेक्षागृह बहुत महत्वपूर्ण है. पहले के मुकाबले काम में तेजी बढ़ती जा रही है. सांस्कृतिक विभाग और भातखंडे यूनिवर्सिटी की ओर से पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द प्रेक्षागृह बन कर तैयार हो जाए.