ETV Bharat / state

Swachh Survekshan 2021 के टॉप 10 शहरों में क्यों नहीं शामिल हो पाया लखनऊ...जानिए वजह

केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के नतीजे आ गए हैं. लखनऊ इस साल भी टॉप 10 शहरों में जगह नहीं बना सका है. इस वर्ष की सूची में लखनऊ 12वें स्थान पर रहा. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर प्रदेश की राजधानी टॉप टेन शहरों में क्यों नहीं शामिल हो सकी.

देश के टॉप 10 शहरों से इस वजह से बाहर हुआ लखनऊ.
देश के टॉप 10 शहरों से इस वजह से बाहर हुआ लखनऊ.
author img

By

Published : Nov 20, 2021, 4:39 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 4:46 PM IST

लखनऊः केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के नतीजों से लखनऊ को काफी उम्मीदें थी. दावे किए जा रहे थे कि शहर कम से कम देश के टॉप 10 शहरों की सूची में जगह बना लेगा लेकिन इस बार भी मायूसी हाथ लगी. इस साल भी लखनऊ 12वें स्थान पर रहा है. ईटीवी भारत ने जब शहर में कूड़ा निस्तारण की जमीनी हकीकत की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.



लखनऊ में हर रोज करीब 600 मीट्रिक टन कूड़ा घरों से और अन्य संस्थानों से निकलता है. कूड़ा कलेक्शन से लेकर उसके निस्तारण की जिम्मेदारी इको ग्रीन कंपनी के पास है. पड़ताल में सामने आया कि घरों से कूड़े की उठान ही नियमित रूप से नहीं हो पा रही है. नतीजा, शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं.

कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.
कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.

इस बारे में पार्षद अमित चौधरी ने बताया कि घरों से निकलने वाले कूड़े का नियमित रूप से कलेक्शन तक नहीं हो पा रहा है. आंकड़े और जमीनी हकीकत एक-दूसरे से जुदा हैं. कूड़े के निस्तारण के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन कंपनी की ओर से सहयोग न मिल पाने के कारण मुश्किल आ रही है.

कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.
कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.



कूड़े के निस्तारण के लिए शिवपुरी में बनाया गया प्लांट भी पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है. बीते दिनों नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने यहां का निरीक्षण भी किया था. उनकी जांच में सामने आया कि दो साल में यहां कूड़े का अंबार 3.40 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ गया है.

कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.

उनके निरीक्षण के दौरान कूड़ा निस्तारण के लिए बने प्लांट में नियमित रूप से काम न होने की भी बात सामने आई थी. जिसके बाद उन्होंने कंपनी को जून 2022 तक का समय दिया. साथ ही इकोग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पर दो करोड़ रुपए से ज्यादा का अर्थदंड भी लगाया.


ये भी पढ़ेंः स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 के नतीजे जारी, जानिए क्या रहा लखनऊ और उत्तर प्रदेश के शहरों का हाल



स्वच्छता के मामले में लखनऊ प्रदेश में पहले स्थान पर है जबकि देश में उसे 12 वां स्थान मिला है. 2020 की रिपोर्ट में भी लखनऊ देश में 12वें स्थान पर ही था.



इन अवार्ड से करनी पड़ी संतुष्टि
विज्ञान भवन में केंद्रीय राज्य शहरी आवास मंत्री कौशल किशोर ने लखनऊ को बेस्ट सिटीजन स्टेट कैपिटल का अवार्ड दिया. महापौर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, स्वच्छता प्रभारी डॉ अरविंद राव समेत अन्य ने यह अवार्ड प्राप्त किया.




ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के नतीजों से लखनऊ को काफी उम्मीदें थी. दावे किए जा रहे थे कि शहर कम से कम देश के टॉप 10 शहरों की सूची में जगह बना लेगा लेकिन इस बार भी मायूसी हाथ लगी. इस साल भी लखनऊ 12वें स्थान पर रहा है. ईटीवी भारत ने जब शहर में कूड़ा निस्तारण की जमीनी हकीकत की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.



लखनऊ में हर रोज करीब 600 मीट्रिक टन कूड़ा घरों से और अन्य संस्थानों से निकलता है. कूड़ा कलेक्शन से लेकर उसके निस्तारण की जिम्मेदारी इको ग्रीन कंपनी के पास है. पड़ताल में सामने आया कि घरों से कूड़े की उठान ही नियमित रूप से नहीं हो पा रही है. नतीजा, शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं.

कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.
कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.

इस बारे में पार्षद अमित चौधरी ने बताया कि घरों से निकलने वाले कूड़े का नियमित रूप से कलेक्शन तक नहीं हो पा रहा है. आंकड़े और जमीनी हकीकत एक-दूसरे से जुदा हैं. कूड़े के निस्तारण के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन कंपनी की ओर से सहयोग न मिल पाने के कारण मुश्किल आ रही है.

कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.
कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.



कूड़े के निस्तारण के लिए शिवपुरी में बनाया गया प्लांट भी पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है. बीते दिनों नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने यहां का निरीक्षण भी किया था. उनकी जांच में सामने आया कि दो साल में यहां कूड़े का अंबार 3.40 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ गया है.

कूड़ा निस्तारण सही तरीके से न होने की वजह से टॉप टेन शहरों में नहीं शामिल हो सका लखनऊ.

उनके निरीक्षण के दौरान कूड़ा निस्तारण के लिए बने प्लांट में नियमित रूप से काम न होने की भी बात सामने आई थी. जिसके बाद उन्होंने कंपनी को जून 2022 तक का समय दिया. साथ ही इकोग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पर दो करोड़ रुपए से ज्यादा का अर्थदंड भी लगाया.


ये भी पढ़ेंः स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 के नतीजे जारी, जानिए क्या रहा लखनऊ और उत्तर प्रदेश के शहरों का हाल



स्वच्छता के मामले में लखनऊ प्रदेश में पहले स्थान पर है जबकि देश में उसे 12 वां स्थान मिला है. 2020 की रिपोर्ट में भी लखनऊ देश में 12वें स्थान पर ही था.



इन अवार्ड से करनी पड़ी संतुष्टि
विज्ञान भवन में केंद्रीय राज्य शहरी आवास मंत्री कौशल किशोर ने लखनऊ को बेस्ट सिटीजन स्टेट कैपिटल का अवार्ड दिया. महापौर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, स्वच्छता प्रभारी डॉ अरविंद राव समेत अन्य ने यह अवार्ड प्राप्त किया.




ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Nov 20, 2021, 4:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.