लखनऊ : प्रदेश में 30 नए मरीज आने से ब्लैक फंगस के कुल 930 रोगी हो गए हैं. वहीं आज आठ मरीजों की और जान चली गई. ऐसे में मृतकों की संख्या 63 हो गई. दरअसल, लखनऊ में प्रदेश भर से मरीज रेफर होकर आ रहे हैं. शनिवार को भी केजीएयू, लोहिया, पीजीआई में मरीज आये. इनसे ब्लैक फंगस के 98 फीसद बेड फुल हो गए.
ओपीडी में स्क्रीनिंग बाद भर्ती किए जाएंगे मरीज
सिविल अस्पताल में भी ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज शुरू होगा. इसे लेकर अस्पताल ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है. अभी तक किसी भी सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज व ऑपरेशन की सुविधा नहीं है. अस्पताल ने इलाज का पूरा खाका तैयार करके रिपोर्ट शासन को भेजी है. जहां से मुहर लगने पर यहां मरीजों को भर्ती करके शल्य क्रिया हो सकेगी.
ब्लैक फंगस सर्जरी भी कराई जाएगी
केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआई में अभी ब्लैक फंगस मरीज भर्ती हो रहे हैं. किसी भी सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस मरीजों को भर्ती करने संग उनकी सर्जरी की सुविधा नहीं है. सिविल अस्पताल प्रशासन ने ब्लैक फंगस मरीजों को इलाज देने की योजना तैयार की है. इसके लिए ईएनटी, नेत्र रोग की ओटी भी रिजर्व कर ली गई है. अस्पताल निदेशक डाॅ सुभाष ने बताया- ब्लैक फंगस के मरीजों की स्क्रीनिंग करने संग उनकी सर्जरी भी कराई जाएगी. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. ईएनटी व नेत्र रोग विशेषज्ञ की भी ड्यूटी तय कर दी गई है.
राजधानी में 20 मरीज भर्ती किए गए
शुक्रवार को लखनऊ में ब्लैक फंगस के 20 मरीज भर्ती किए गए. इसमें केजीएमयू में 13 रोगी भर्ती किये गए. शेष मरीज अन्य सरकारी-निजी अस्पतालों में भर्ती किए गए.
जबड़ा, आंख, त्वचा का हुआ ऑपरेशन
राजधानी के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 321 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं. प्रदेश भर से सबसे ज्यादा मरीज केजीएमयू रेफर किए जा रहे हैं. केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक मौजूदा समय में 210 मरीज भर्ती हैं. शनिवार को 14 मरीजों के जबड़ा, आंख, त्वचा, मस्कुलर, वेन संबंधी ऑपरेशन किए गए. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस मरीजों को समुचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है.
भर्ती के लिए कार में ऑक्सीजन के सहारे घण्टों इंतजार
ट्रामा सेंटर के बाहर इलाज के लिए बस्ती की राजकुमारी तड़पती रही. उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी. ब्लैक फंगस की आशंका थी. मगर, दो घण्टे तक अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे कार में इलाज के लिए इंतजार करती रहीं, परिवारजन डॉक्टरों के चक्कर लगाते रहे.
ये मरीज रहें सावधान-
- डायबिटीज
- एचआईवी, कैंसर, अस्थमा
- कोरोना में ऑक्सीजन पर रहने वाले
- स्टेरायड थेरेपी लेने वाले
ब्लैक फंगस के लक्षण-
- चेहरे पर सुन्नपन
- आंखों में दर्द
- आंखों का लाल होना
- आधे सिर में दर्द होना
- पलक का झुक जाना या सूजन
- आंख का अपनी जगह से बाहर आना
- अचानक आंखों की रोशनी कम होना
- आंखों के अलावा नाक से खून आना
- काली पपड़ी जमना
- मुंह का टेढ़ा होना
- नाक के पास दाना निकलना