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लखनऊ में मंडलायुक्त ने कहा, 'गोशाला में पाली जाएंगी बतख और मछलियां'

राजधानी लखनऊ में मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने सभी एसडीएम और बीडीओ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. उन्होंने गोआश्रय स्थलों में गाय पालन के साथ मछली पालन और बतख पालन कराने के निर्देश दिए हैं.

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मुकेश मेश्राम मंडलायुक्त लखनऊ
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Published : Jul 7, 2020, 10:31 AM IST

लखनऊः लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने सभी एसडीएम और बीडीओ को निर्देश दिए हैं कि गोवंश आश्रय स्थलों में अब गाय पालन के साथ-साथ बतख और मछली पालन भी कराया जाए. मंडलायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों से गोवंश स्थलों की रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि आय बढ़ाने के लिए गोआश्रय परिसर में ही तालाब बनवाकर सिंघाड़े की खेती भी करवाई जाएगी.

अधिकारियों को दिए निर्देश
मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन इलाकों में आश्रय स्थल नहीं हैं, वहां एक सप्ताह के भीतर जमीन चिह्नित कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी जाए. मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों समेत अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोआश्रय परिसर में ही 2,000 वर्ग फुट का तालाब बनवाकर सिंघाड़े की खेती कराई जाए. इसके साथ ही बतख और मछली पालन भी करवाया जाए.

100 किसानों को जोड़ा जाएगा
कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने कहा कि खेती में जैविक खाद के इस्तेमाल के लिए किसानों को जोड़ा जाए. गोआश्रय स्थलों के आसपास के गांवों के 100 किसानों को जोड़कर इस काम में भागेदारी बनाया जाए. इसके लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और जिला कृषि अधिकारी हर दिन दो गांव का दौरा कर किसानों को जैविक खेती के लिए तैयार करेंगे. कमिश्नर ने कहा कि अच्छे काम पर गोसेवाश्री उपाधि से अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा.

लखनऊः लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने सभी एसडीएम और बीडीओ को निर्देश दिए हैं कि गोवंश आश्रय स्थलों में अब गाय पालन के साथ-साथ बतख और मछली पालन भी कराया जाए. मंडलायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों से गोवंश स्थलों की रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि आय बढ़ाने के लिए गोआश्रय परिसर में ही तालाब बनवाकर सिंघाड़े की खेती भी करवाई जाएगी.

अधिकारियों को दिए निर्देश
मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन इलाकों में आश्रय स्थल नहीं हैं, वहां एक सप्ताह के भीतर जमीन चिह्नित कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी जाए. मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों समेत अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोआश्रय परिसर में ही 2,000 वर्ग फुट का तालाब बनवाकर सिंघाड़े की खेती कराई जाए. इसके साथ ही बतख और मछली पालन भी करवाया जाए.

100 किसानों को जोड़ा जाएगा
कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने कहा कि खेती में जैविक खाद के इस्तेमाल के लिए किसानों को जोड़ा जाए. गोआश्रय स्थलों के आसपास के गांवों के 100 किसानों को जोड़कर इस काम में भागेदारी बनाया जाए. इसके लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और जिला कृषि अधिकारी हर दिन दो गांव का दौरा कर किसानों को जैविक खेती के लिए तैयार करेंगे. कमिश्नर ने कहा कि अच्छे काम पर गोसेवाश्री उपाधि से अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा.

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