लखनऊ. विधानसभा चुनावों के नतीजे बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की उम्मीद के मुताबिक नहीं आए. बसपा 403 विधानसभा सीटों में से महज एक विधानसभा सीट ही जीत पाई. इससे खफा बसपा सुप्रीमो पार्टी के कई नेताओं को दंड दे रहीं हैं. वहीं, जिन नेताओं पर खुश हैं, उन्हें पुरस्कार भी मिल रहा है. एक तरफ प्रत्याशी अनिल पांडेय को रविवार को मायावती ने पार्टी से निष्कासित कर दिया तो वहीं जलीस खान की नगर अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी भी कर दी. कुल मिलाकर पार्टी ने दो दिन में दो नेताओं को किनारे लगा दिया तो एक नेता का पार्टी में कद बढ़ा दिया.
विधानसभा चुनावों में हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर अब बसपा मुखिया मायावती का चाबुक चल रहा है. बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे के बाद अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अनिल पांडेय को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया है. अनिल पांडेय को पार्टी में अनुशासनहीनता करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की रिपोर्ट के आधार पर निष्कासित किया गया.
पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया कि कई बार चेतावनी देने के बाद भी उनकी कार्यशैली में सुधार नहीं आया. इसी वजह से पार्टी एवं मूवमेंट के हित में उनको बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. एक दिन पहले ही बसपा सरकार में आधा दर्जन से ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी निभाने वाले कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
सरोजनी नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े जलीस खान को पार्टी ने उपहार के तौर पर लखनऊ महानगर का अध्यक्ष बना दिया है. लखनऊ महानगर का अध्यक्ष और मंडल जोन प्रभारी भीमराव अंबेडकर की तरफ से जलीस खान को महानगर अध्यक्ष बनाए जाने की पुष्टि की गई है.
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