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HC ने चुनाव टालने की याचिका की खारिज, कहाः संवैधानिक संस्था के काम में नहीं कर सकते हस्तक्षेप - न्यायमूर्ति एआर मसूदी

कोरोना महामारी को देखते हुए चुनाव टालने की याचिका खारिज हो गई. हाईकोर्ट ने कहा है कि संवैधानिक संस्था के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं.

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संवैधानिक संस्था के काम में हस्तक्षेप नहीं
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Published : Jan 28, 2022, 9:49 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें कोरोना महामारी को देखते हुए विधानसभा चुनाव टालने की मांग की गई थी. न्यायालय ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. उसके काम में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.

ये आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने ऋषि कुमार त्रिवेदी की याचिका पर पारित किया. याचिका में मांग की गई थी कि महामारी के वर्तमान हालात को देखते हुए चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वो उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव फरवरी और मार्च महीने में न कराए और उसे महामारी के हालात सामान्य होने तक टाल दे. न्यायालय ने याची की आलोचना करते हुए कहा कि याचिका दाखिल करने से पहले उसने विधानसभा चुनावों के पहले चरण के नोटिफिकेशन को न्यायालय ने कहा कि इसके पूर्व भी ऐसी ही एक जनहित याचिका को खारिज किया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- कर्मचारी संगठनों की पेंशन शिकायतों को लेकर चीफ सेक्रेटरी ने की समीक्षा बैठक, दिए ये निर्देश

उस याचिका में न्यायालय अपने आदेश में कह चुकी है कि संविधान के अनुच्छेद 329 में अदालतों को निर्वाचन के मामले में हस्तक्षेप करने से रोका गया है. इसी अनुच्छेद का क्लाज (बी) ये प्रावधान करता है कि लोकसभा या विधानसभा का चुनाव किसी भी कोर्ट में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता. हालांकि सिर्फ निर्वाचन याचिका के दाखिल होने पर ही ऐसा किया जा सकता है. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने वर्तमान याचिका को भी अपोषणीय पाते हुए खारिज कर दिया है.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें कोरोना महामारी को देखते हुए विधानसभा चुनाव टालने की मांग की गई थी. न्यायालय ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. उसके काम में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.

ये आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने ऋषि कुमार त्रिवेदी की याचिका पर पारित किया. याचिका में मांग की गई थी कि महामारी के वर्तमान हालात को देखते हुए चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वो उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव फरवरी और मार्च महीने में न कराए और उसे महामारी के हालात सामान्य होने तक टाल दे. न्यायालय ने याची की आलोचना करते हुए कहा कि याचिका दाखिल करने से पहले उसने विधानसभा चुनावों के पहले चरण के नोटिफिकेशन को न्यायालय ने कहा कि इसके पूर्व भी ऐसी ही एक जनहित याचिका को खारिज किया जा चुका है.

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उस याचिका में न्यायालय अपने आदेश में कह चुकी है कि संविधान के अनुच्छेद 329 में अदालतों को निर्वाचन के मामले में हस्तक्षेप करने से रोका गया है. इसी अनुच्छेद का क्लाज (बी) ये प्रावधान करता है कि लोकसभा या विधानसभा का चुनाव किसी भी कोर्ट में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता. हालांकि सिर्फ निर्वाचन याचिका के दाखिल होने पर ही ऐसा किया जा सकता है. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने वर्तमान याचिका को भी अपोषणीय पाते हुए खारिज कर दिया है.

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