लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डेढ़ टन से अधिक गांजे के साथ पकड़े गये अभियुक्त धीरज सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि ये विश्वास नहीं किया जा सकता है कि अभियुक्त ने ये अपराध नहीं किया होगा. ये भी भरोसा नहीं दिया जा सकता है कि जमानत पर छूटने के बाद वो कोई अपराध नहीं करेगा.
कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त धीरज सिंह की याचिका पर पारित किया है. सरकारी वकील राव नरेंद्र सिंह ने दलील दी कि प्रतापगढ जनपद के थाना अंटू में अभियुक्त को उसके चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. जिस समय अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया, उस समय वे एक ट्रक से गांजे की बोरियां निकाल कर एसयूवी में रख रहे थे. दोनों गाड़ियों से 48 बोरियों में डेढ़ टन से अधिक गांजा बरामद किया गया है. अभियुक्त ने पुलिस के सामने पूछताछ में बताया कि वे विशाखापट्टनम के कोरापुर से कोयले की ट्रकों में गांजे की बोरियां भरकर लाते हैं. अपराध में इस्तेमाल हो रही एसयूवी गाड़ी का मालिक भी अभियुक्त ही है.
न्यायालय ने कहा कि एनडीपीएस के मामलों में जमानत पर सुनवाई करते समय कोर्ट को ये देखना चाहिए कि अभियुक्त को दोषी न मानने का पर्याप्त आधार है. इसके साथ ही क्या वो जमानत पर छूटने के बाद कोई अपराध नहीं करेगा. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में दोनों ही शर्तें पूरी नहीं होती. अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है, लिहाजा उसे जमानत नहीं दी जा सकती.