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लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का चुनाव कराने की याचिका पर कोर्ट ने मांगी आपत्ति

लोकसभा और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का चुनाव कराने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने आपत्ति मांगी है. कोर्ट ने कहा कि दाखिल उक्त याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि याचिका पोषणीय नहीं है.

लखनऊ हाईकोर्ट बेंच.
लखनऊ हाईकोर्ट बेंच.
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Published : Mar 1, 2021, 9:52 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लोकसभा और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का चुनाव कराने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सप्ताह भर में आपत्ति हलफनामा के जरिए दाखिल करने का आदेश प्रतिवादी पक्ष को दिया है. याचिका में लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर और प्रदेश के ही विधान परिषद के चेयरमैन को यह आदेश देने का अनुरोध किया गया है कि वे लोकसभा और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का चुनाव सम्पन्न करवाएं.

स्थानीय अधिवक्ता अशोक पांडेय और एक अन्य की ओर से दाखिल उक्त याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि याचिका पोषणीय नहीं है. कोई भी जनहित इसमें शामिल नहीं है. यह भी आपत्ति उठाई गई कि याचिका पर न्यायालय कोई आदेश नहीं पारित कर सकता है. क्योंकि कोई भी आदेश पारित करना सदन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप होगा. इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने उक्त आपत्तियों को शपथ पत्र के जरिए दाखिल करने का आदेश दिया.

याचिका में कहा गया है कि मई 2019 से लोकसभा के डिप्टी स्पीकर, 2007 से उत्तर प्रदेश विधान सभा के डिप्टी स्पीकर और लगभग दस साल से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का पद खाली है. जबकि संविधान में लोक सभा अपने दो सदस्यों को स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव करेगी. इसी तरह की व्यवस्था संविधान में विधान सभा के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर व विधान परिषद के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव के सम्बंध में है. कहा गया है कि इतनी स्पष्ट व्यवस्था के बाबजूद लगभग 14 साल से उत्तर प्रदेश विधान सभा के डिप्टी स्पीकर, लगभग दस साल से विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन व लगभग डेढ़ साल से लोक सभा डिप्टी स्पीकर का पद खाली है.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लोकसभा और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का चुनाव कराने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सप्ताह भर में आपत्ति हलफनामा के जरिए दाखिल करने का आदेश प्रतिवादी पक्ष को दिया है. याचिका में लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर और प्रदेश के ही विधान परिषद के चेयरमैन को यह आदेश देने का अनुरोध किया गया है कि वे लोकसभा और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का चुनाव सम्पन्न करवाएं.

स्थानीय अधिवक्ता अशोक पांडेय और एक अन्य की ओर से दाखिल उक्त याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि याचिका पोषणीय नहीं है. कोई भी जनहित इसमें शामिल नहीं है. यह भी आपत्ति उठाई गई कि याचिका पर न्यायालय कोई आदेश नहीं पारित कर सकता है. क्योंकि कोई भी आदेश पारित करना सदन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप होगा. इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने उक्त आपत्तियों को शपथ पत्र के जरिए दाखिल करने का आदेश दिया.

याचिका में कहा गया है कि मई 2019 से लोकसभा के डिप्टी स्पीकर, 2007 से उत्तर प्रदेश विधान सभा के डिप्टी स्पीकर और लगभग दस साल से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन का पद खाली है. जबकि संविधान में लोक सभा अपने दो सदस्यों को स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव करेगी. इसी तरह की व्यवस्था संविधान में विधान सभा के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर व विधान परिषद के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव के सम्बंध में है. कहा गया है कि इतनी स्पष्ट व्यवस्था के बाबजूद लगभग 14 साल से उत्तर प्रदेश विधान सभा के डिप्टी स्पीकर, लगभग दस साल से विधान परिषद के डिप्टी चेयरमैन व लगभग डेढ़ साल से लोक सभा डिप्टी स्पीकर का पद खाली है.

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