लखनऊ : लोकबंधु अस्पताल की नर्स मंजू देवी ने अस्पताल के अधिकारियों के दुर्व्यवहार से परेशान होकर बीते दिनों आत्महत्या करने का प्रयास किया था. जिस पर अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने शनिवार को अस्पताल के सभी डॉक्टरों को चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार से कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार न हो. इसके बाद राजकीय नर्सेज संघ उप्र के महामंत्री अशोक कुमार (Ashok Kumar, General Secretary of Government Nurses Association, UP) की अध्यक्षता में प्रदेश कार्यालय में बैठक आयोजित की गई. निदेशक ने चेतावनी पत्र जारी करते हुए सचेत किया गया है. साथ ही नर्सिंग संघ को विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का आग्रह किया गया.
नर्सिंग संघ के सभी की सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि डॉक्टर अजय शंकर त्रिपाठी (Dr. Ajay Shankar Tripathi) का जब तक स्थानांतरण नहीं हो जाता तब तक हम सभी काला फीता बांध कर विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. यहां प्रकरण नर्सेज बनाम डॉक्टर का नहीं है. ये इसके पूर्व भी जिस चिकित्सालय में तैनात रहे वहां भी इस तरह की घटना कर चुके हैं. लोकबंधु चिकित्सालय के डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सभी इनकी अभद्रता के शिकार हो चुके हैं. अगर 15 दिनों के अंदर चिकित्सा अधीक्षक के स्थानांतरण का निर्णय नहीं लिया गया है तो आगे लोकबंधु ही नहीं लखनऊ के समस्त चिकित्सालयों में इसका विरोध किया जाएगा.
ये हैं पूरा मामला : नर्स मंजू के पति कैलाश चंद्र वर्मा (Kailash Chandra Verma) ने आरोप लगाया था कि अधीनस्थों से छुट्टी मांगने के नाम पर दो हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से रिश्वत मांगती है ना देने पर अन्यत्र स्थानांतरण कराने की धमकी देती है तथा गाली-गलौच करती है. 3 दिसंबर को 11:40 बजे अरुणा त्रिपाठी ने पत्नी को इमरजेंसी ओटी में बुलाकर उनके साथ दुर्व्यवहार व मानसिक प्रताड़ना (abuse and mental harassment) देते हुए जबरन वीडियो बनाकर अस्पताल के ग्रुप पर उनकी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से वायरल की गई. उन पर अनैतिक दबाव डालकर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित किया गया. वायरल वीडियो (viral video) को देखकर मेरी पत्नी अत्यधिक दबाव में आकर कोई जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी करने पर मजबूर हो गई.
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