लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है. इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े वोट बैंक पिछड़ा व दलित वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसी क्रम में रविवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय पर अंबेडकर वाहिनी की एक बड़ी बैठक की. इस दौरान लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर दलितों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर चर्चा की. अखिलेश ने कहा कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ और चमत्कार जैसा लगा कि कांग्रेस भी जाति जनगणना के पक्ष में खड़ी दिखी है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि जाति जनगणना को लेकर काशीराम बहुत समय से लड़ाई लड़ रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान दक्षिण भारत के जितने नेता थे, सबने मांग की थी कि जाति के आधार पर जनगणना हो. उस समय की सरकार ने गिनती भी की थी. लेकिन, आंकड़े कभी बाहर नहीं आए. उन्होंने कहा कि बिहार में जो जाति जनगणना का काम किया गया है, वह ऐतिहासिक काम है. जाति जनगणना होनी चाहिए. सामाजिक न्याय तभी संभव है जब जाति जनगणना होगी.
'यह चमत्कार है कि कांग्रेस जाति जनगणना के समर्थन में है'
अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने किताब लिखी थी 'जाति को लेकर' वहीं डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने किताब लिखी है 'जातिवाद तोड़े'. हमारे समाज में कई ऐसे महापुरुष हैं, जो जाति के भेदभाव को खत्म करने के खिलाफ लड़े हैं. ऐसे में मैं समझता हूं कि जाति जनगणना के बाद समाज में सब सम्मान के साथ जी सकेंगे. जितना सामाजिक न्याय हम देने में काबिल होंगे, उतना ही समाज हक से जी सकेगा. सपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को लेकर कहा कि यह एक चमत्कार है कि कांग्रेस पार्टी भी जाति जनगणना के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को जाति जनगणना करनी ही पड़ेगी और अगला चुनाव जाति की जनगणना पर ही होगा.
'डराने के लिए पढ़ रहे आईटी के छापे'
अखिलेश यादव ने कहा कि बीते कुछ माह में इनकम टैक्स की छापेमारी बढ़ी है. वह इसलिए है, ताकि लोग डर जाएं और भारतीय जनता पार्टी से घबरा जाएं. उन्होंने कहा कि बावजूद इसके बीजेपी 50 हजार वोटों से घोसी में हारी है. अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी देवरिया हत्याकांड में दोनों पक्षों से जाकर मिलेगी.
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