लखनऊ: लोहिया संस्थान में आने वाले दिनों में न्यूरो और कैंसर की सर्जरी करते समय चिकित्सकों को चीरा लगाने और ब्लड निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सर्जन सीधे-सीधे गामा नाइफ मशीन से रेडिएशन के सहारे बीमारी से प्रभावित शरीर के हिस्से को हटा देंगे. इसके साथ ही लोहिया संस्थान इस प्रयोग से इलाज करने वाला प्रदेश का पहला संस्थान बन जाएगा.
वित्त विभाग से 40 करोड़ की मांग
गामा नाइफ मशीन प्रदेश में पहली बार लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोसाइंसेज सेंटर में लगने जा रही है. इस प्रणाली से ऑपरेशन में मरीज पर केवल 75 हजार का खर्च आएगा. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्वीडन की कंपनी से आने वाली इस मशीन के लिए वित्त विभाग से करीब 40 करोड़ की मांग की है.
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विशेषज्ञ चिकित्सकों को देंगे प्रशिक्षण
आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी के चिकित्सकों को इस प्रणाली का प्रशिक्षण देने के लिए स्वीडन की एक कंपनी अपने विशेषज्ञों को भी संस्थान में भेजेगी. एक महीने प्रशिक्षण के बाद लोहिया संस्थान के चिकित्सक गामा नाइफ मशीन का प्रयोग कर मरीजों को बेहतर इलाज देंगे.