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कोविड के इलाज के लिए दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बना लोहिया संस्थान

राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब कोरोना के मरीजों के लिए दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन गया है. यहां 200 बेड उपलब्ध हैं.

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Published : Apr 25, 2021, 2:22 PM IST

lohia institute lucknow
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान.

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब कोविड के मरीजों के लिए राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन गया है. अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण यह न केवल राजधानी लखनऊ, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के मरीजों के लिए भी इलाज की पहली पसंद है.

मातृ शिशु रेफरल केंद्र बना कोविड का अस्थाई अस्पताल
संस्थान ने शहीद पथ पर स्थित मातृ शिशु रेफरल केंद्र को अस्थाई कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है. यहां 200 बेड उपलब्ध हैं. 15 वेंटिलेटर के साथ आईसीयू भी है. अब डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय भी इसका हिस्सा बन चुका है, जिससे यहां बेड की संख्या बढ़ गई है. हालांकि यहां बेड हासिल करना आसान नहीं है. संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की तरह यह भी अति विशिष्ट लोगों के लिए अघोषित रूप से आरक्षित हो गया है. यहां आम आदमी के फोन करने पर यही बताया जाता है कि सभी बेड फुल हैं. रविवार को भी ऐसी स्थिति रही.


बढ़ रहा है दायरा
गोमती नगर में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब सिर्फ एक परिसर तक सीमित नहीं रहा. दो साल पहले ही डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय को भी इस संस्थान का ही हिस्सा बना दिया गया. संस्थान की एक नई बिल्डिंग पीछे बनकर तैयार है. इसी इसी बिल्डिंग की नौवीं मंजिल पर अटल बिहारी बाजपेई चिकित्सा संस्थान का अस्थाई कार्यालय बनाया गया है. नीचे के हिस्से को टीकाकरण के लिए प्रयोग किया जा रहा है. अन्य सभी खाली पड़े हैं. संस्थान का एक नया परिसर शहीद पथ पर ही तेजी से निर्मित हो रहा है.

ये भी पढ़ें: सीएम योगी ने टीम-11 के साथ की बैठक, दिए दिशा-निर्देश

बढ़ाई जा रही है सुविधाएं
संस्थान के निदेशक डॉक्टर ए के सिंह कहते हैं कि संस्थान में सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रयास चल रहे हैं. प्रयास किया जा रहा है कि सभी विभागों के पास अपना आईसीयू हो. संस्थान के पास पहले से ही अत्याधुनिक प्रयोगशाला मौजूद है. नए परिसर के निर्माण के बाद समस्याएं दूर होंगी. भीड़ बढ़ी है, इसलिए समस्या भी बढ़ी है.

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब कोविड के मरीजों के लिए राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन गया है. अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण यह न केवल राजधानी लखनऊ, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के मरीजों के लिए भी इलाज की पहली पसंद है.

मातृ शिशु रेफरल केंद्र बना कोविड का अस्थाई अस्पताल
संस्थान ने शहीद पथ पर स्थित मातृ शिशु रेफरल केंद्र को अस्थाई कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है. यहां 200 बेड उपलब्ध हैं. 15 वेंटिलेटर के साथ आईसीयू भी है. अब डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय भी इसका हिस्सा बन चुका है, जिससे यहां बेड की संख्या बढ़ गई है. हालांकि यहां बेड हासिल करना आसान नहीं है. संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की तरह यह भी अति विशिष्ट लोगों के लिए अघोषित रूप से आरक्षित हो गया है. यहां आम आदमी के फोन करने पर यही बताया जाता है कि सभी बेड फुल हैं. रविवार को भी ऐसी स्थिति रही.


बढ़ रहा है दायरा
गोमती नगर में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब सिर्फ एक परिसर तक सीमित नहीं रहा. दो साल पहले ही डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय को भी इस संस्थान का ही हिस्सा बना दिया गया. संस्थान की एक नई बिल्डिंग पीछे बनकर तैयार है. इसी इसी बिल्डिंग की नौवीं मंजिल पर अटल बिहारी बाजपेई चिकित्सा संस्थान का अस्थाई कार्यालय बनाया गया है. नीचे के हिस्से को टीकाकरण के लिए प्रयोग किया जा रहा है. अन्य सभी खाली पड़े हैं. संस्थान का एक नया परिसर शहीद पथ पर ही तेजी से निर्मित हो रहा है.

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बढ़ाई जा रही है सुविधाएं
संस्थान के निदेशक डॉक्टर ए के सिंह कहते हैं कि संस्थान में सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रयास चल रहे हैं. प्रयास किया जा रहा है कि सभी विभागों के पास अपना आईसीयू हो. संस्थान के पास पहले से ही अत्याधुनिक प्रयोगशाला मौजूद है. नए परिसर के निर्माण के बाद समस्याएं दूर होंगी. भीड़ बढ़ी है, इसलिए समस्या भी बढ़ी है.

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