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कोरोना ने छीनी लखनऊ के जायके और स्वाद की गलियों की रौनक

इन दिनों राजधानी लखनऊ की जो गलियां और सड़कें सुबह शाम खुश्बू और जायके से महकती रहती थीं, वहां अब कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के चलते सन्नाटा पसरा है. जिसे लोगों को काफी तकलीफें उठानी पड़ रही है.

सड़कें सुनसान.
सड़कें सुनसान.
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Published : Apr 10, 2021, 7:38 PM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी ने यूपी की राजधानी की गलियों को सूना कर दिया है. हमेशा से गुलजार रहने वाली बाजारों की रौनक चली गई है. दरअसल, एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है. जिसके चलते रात 9 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है.

अगर आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ राजधानी में 12 हजार से ज्यादा मामले पाए गए हैं और इस संख्या में इजाफा लगातार हो रहा है. ऐसे में सैर-सपाटा करने वाले लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं.

यूं तो कहा जाता है 'सुबह-ए-बनारस, शाम-ए-लखनऊ' यानी बनारस की सुबह और लखनऊ की शाम दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन कोरोना की नजर ने इन पर ग्रहण सा लगा दिया है. राजधानी का आलमबाग बाजार लोगों के लिए कई मायनों में खास है. यहां के दुकानदार देर रात बाजार बंद होने तक ग्राहकों से घिरे रहते थे, लेकिन महामारी का असर कुछ इस कदर है कि दुकानदारों को खरीददारों की आस में पूरा-पूरा दिन इंतजार करना पड़ रहा है.

अवध की शान लखनऊ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिये भी विश्व विख्यात है. यहां पर इमामबाड़ा, भूल भुलैया, रेजीडेंसी जैसी सैकड़ों इमारतों को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटकों का तांता लगा रहता है, लेकिन इस वैश्विक महामारी ने वक्त का पहिया थाम सा दिया है.

खान-पान के लिए मशहूर है लखनऊ
नवाबों का शहर लखनऊ अपने खान-पान के लिये भी बेहद खास है. यहां मुगलई व्यंजन की कई किस्में लोंगो को घरों से बाहर डिनर करने के लिये मजबूर कर देती है, लेकिन महामारी की वजह से इन व्यंजनो का भी जायका बिगड़ सा गया है.

इसे भी पढे़ं- मथुराः ट्रक ने कार में मारी टक्कर, 4 की मौत, 3 घायल

लखनऊ: कोरोना महामारी ने यूपी की राजधानी की गलियों को सूना कर दिया है. हमेशा से गुलजार रहने वाली बाजारों की रौनक चली गई है. दरअसल, एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है. जिसके चलते रात 9 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है.

अगर आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ राजधानी में 12 हजार से ज्यादा मामले पाए गए हैं और इस संख्या में इजाफा लगातार हो रहा है. ऐसे में सैर-सपाटा करने वाले लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं.

यूं तो कहा जाता है 'सुबह-ए-बनारस, शाम-ए-लखनऊ' यानी बनारस की सुबह और लखनऊ की शाम दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन कोरोना की नजर ने इन पर ग्रहण सा लगा दिया है. राजधानी का आलमबाग बाजार लोगों के लिए कई मायनों में खास है. यहां के दुकानदार देर रात बाजार बंद होने तक ग्राहकों से घिरे रहते थे, लेकिन महामारी का असर कुछ इस कदर है कि दुकानदारों को खरीददारों की आस में पूरा-पूरा दिन इंतजार करना पड़ रहा है.

अवध की शान लखनऊ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिये भी विश्व विख्यात है. यहां पर इमामबाड़ा, भूल भुलैया, रेजीडेंसी जैसी सैकड़ों इमारतों को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटकों का तांता लगा रहता है, लेकिन इस वैश्विक महामारी ने वक्त का पहिया थाम सा दिया है.

खान-पान के लिए मशहूर है लखनऊ
नवाबों का शहर लखनऊ अपने खान-पान के लिये भी बेहद खास है. यहां मुगलई व्यंजन की कई किस्में लोंगो को घरों से बाहर डिनर करने के लिये मजबूर कर देती है, लेकिन महामारी की वजह से इन व्यंजनो का भी जायका बिगड़ सा गया है.

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