लखनऊ: राज्य के सभी जनपदों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे. साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटर भी लगेंगे. यह जनरेटर हवा से ऑक्सीजन बनाएंगे. ऐसे में बड़े जनपदों से छोटे जनपदों की ऑक्सीजन निर्भरता खत्म होगी. मरीजों को समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी. लखनऊ में ऑक्सीजन जनरेटर और प्लांट लगाने की शुरुआत हो चुकी है.
अब नहीं होगा ऑक्सीजन का संकट
लखनऊ में निर्बाध ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए 9 करोड़ 64 लाख 20 हजार रुपये के सप्लाई ऑर्डर किए गए हैं. इनमें ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ऑक्सीजन जनरेटर, ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट के लिए विभिन्न कंपनियों को आदेश दिया गया है. कोविड अस्पतालों के लिए भी ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था कराई जा रही है. इससे अस्पतालों की बाहर से आने वाली ऑक्सीजन पर निर्भरता न्यूनतम रह जाएगी. अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए बेड बढ़ाए जा सकेंगे.
इतनी होगी क्षमता
200 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर जिनकी क्षमता 10 लीटर प्रति मिनट होगी. ये सभी सीएचसी और कोविड अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं. 21 ऑक्सीजन जनरेटर, 45 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले 20 ऑक्सीजन जनरेटर, 50 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला 1 ऑक्सीजन जनरेटर मंगवाया जा रहा है. इसके साथ ही आठ ऑक्सीजन प्लांट खरीदे जा रहे हैं, जिनमें तीन अधिक क्षमता वाले होंगे. इनको बड़े कोविड अस्पतालों में लगाया जाएगा.
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इन अस्पतालों में लगेंगे प्लांट
राजधानी लखनऊ में नौ एनएम के पांच ऑक्सीजन प्लांट मोहनलालगंज, चिनहट, मलिहाबाद और गुडम्बा सीएचसी पर लगाए जाएंगे. इसके अलावा झलकारी बाई अस्पताल में भी लगाया जाएगा. 30 एनएम के तीन ऑक्सीजन प्लांट ठाकुरगंज टीबी अस्पताल, रानी लक्ष्मी बाई और राम सागर मिश्र अस्पताल में लगाए जाएंगे. 45 लीटर प्रति मिनट क्षमता के 20 ऑक्सीजन जनरेटर जिले के 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और झलकारी बाई अस्पताल में लगेंगे. इसके अलावा 50 लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट सिविल अस्पताल में लगाया जाएगा.