लखनऊ: पॉक्सो के विशेष जज पवन कुमार राय ने पांच वर्ष के बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के मामले में दोषी अभियुक्त हरपाल मौर्या को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने इस पर 50 हजार का जुर्माना भी ठोंका है.
सरकारी वकील शैलेश कुमार सिंह के मुताबिक 23 अगस्त, 2019 को इस मामले की एफआईआर पीड़ित बच्चे के पिता ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. इसने मोबाइल का लालच देकर बच्चे को अपने पास बुलाया था फिर उसके साथ गलत काम किया. धमकी भी दिया कि यदि अपने मम्मी पापा को बताओगे, तो हम तुम्हे मारेंगे. इस घटना से बच्चे के व्यवहार में परिर्वतन आ गया था. वह डरा हुआ रहता था। काफी समझाकर पूछने के बाद उसने पापा को पूरी घटना बताई थी.
नदी का पानी प्रदूषित करने वाले की सजा बरकरार
एडीजे पवन कुमार राय ने जानवरो की हड्डियां उबालकर वसा निकालने और उसका प्रदूषित पानी काली नदी में प्रवाहित करने के मामले में अभियुक्त उमर दराज की सजा को बहाल रखा है. उन्होंने निचली अदालत के निर्णय की पुष्टि करते हुए इसकी अपील को खारिज कर दिया है. साथ ही गैरहाजिर रहने पर इसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट भी जारी करने का आदेश दिया है. उमर दराज मेरठ का रहने वाला है.
23 फरवरी, 2012 को सीबीआई/प्रदूषण की विशेष मजिस्ट्र्रेट कोर्ट ने इसे जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 के तहत दोषी करार दिया था. साथ ही इसे डेढ़ साल की सजा सुनाई थी व इस पर 10 हजार का जुर्माना भी ठोंका था. उमर दराज ने इस निर्णय के विरुद्ध सत्र अदालत में अपील दाखिल किया था.
23 अगस्त, 2009 को उप्र जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ अदालत में परिवाद दर्ज कराया था. जिसके मुताबिक उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लिए बिना यह मेरठ में जानवरों की हड्डियां उबालकर वसा निकालने का काम करता था. उसका प्रदूषित पानी काली नदी में प्रवाहित होता था. इसके चलते नदी का जल प्रदूषित होता था और वातावरण में दुर्गंध भी फैलता था. उप्र जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डीसी पांडेय ने जांच में यह खामियां पाई थी.
ये भी पढ़ेंः Muzaffarnagar Court News:अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष की सजा