लखनऊ: रस्सी को सांप और सांप को रस्सी बताने के फन में माहिर लखनऊ पुलिस ने भाजपा सांसद कौशल किशोर के बेटे द्वारा खुद पर गोली चलवाने के मामले में भी अपने फन के मुताबिक ऐसा ही कुछ काम किया है.
दरअसल, मडियांव थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर राधेश्याम मौर्य ने मामले में जो मुकदमा दर्ज कराया है. उसमें लाइसेंसी पिस्टल का जिक्र ही नहीं है. एफआईआर में सब इंस्पेक्टर ने घटना में अवैध फैक्ट्री मेड 32 बोर की देशी पिस्टल दिखाया है. जिससे पुलिस ने सांसद के बेटे पर दर्ज केस को कमजोर कर दिया. साथ ही लाइसेंसी पिस्टल को बचाने में भी पुलिस कामयाब रही है.
केस को कमजोर करने के लिए किए कई खेल
मालूम हो कि मंगलवार देर रात भाजपा सांसद कौशल किशोर के बेटा आयुष किशोर और उसका साला आदर्श घूमने निकले थे. उसी दौरान संदिग्ध हालत में आयुष को गोली लग गई. घटना के बाद पुलिस ने आयुष के साले को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में आदर्श ने प्रॉपर्टी विवाद में चंदन गुप्ता, मनी जायसवाल और प्रदीप कुमार सिंह को फंसाने के लिए घटना को अंजाम देने की बात कबूली. उसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और पुलिस ने आदर्श को हिरासत में ले लिया. आदर्श के निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद कर ली. हालांकि पिस्टल के बारे में पूछने पर पुलिस जवाब देने से कतराती रही. जाहिर सी बात है कि पुलिस पर बीजेपी सांसद का दबाव हो सकता है.
एफआईआर में घटना देशी पिस्टल से होना बताया
शाम होते-होते पुलिस ने मामले में नई स्क्रिप्ट लिख डाली. पुलिस ने सांसद के बेटे व उसके साले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर साले आदर्श को तो गिरफ्तार कर लिया. मगर, केस को कमजोर करने के लिए कई खेल कर दिए. पुलिस ने एफआईआर में लाइसेंसी पिस्टल का जिक्र ही नहीं किया. उसके स्थान पर पुलिस ने दिखाया कि घटना अवैध फैक्ट्री मेड .32 बोर के देशी पिस्टल से की गई. साथ ही हल्की धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं.
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