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दावा, खत्म हुई ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी, दो माह में 10 लाख से ज्यादा डीएल हुए जारी

उत्तर प्रदेश में आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की समस्या से निजात मिलेगी. अधिकारियों का दावा है कि लाखों की संख्या पार कर चुकी लाइसेंस की पेंडेंसी खत्म हो चुकी है.

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Published : Jun 12, 2023, 3:10 PM IST

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लखनऊ : रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के सामने बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई थी. लाइसेंस की पेंडेंसी लाखों की संख्या को पार कर गई थी. परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस का काम कर रही कंपनी को स्मार्ट चिप ही उपलब्ध नहीं हो पा रही थी, जिसके चलते लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे थे, लेकिन अब ये समस्या पूरी तरह से दूर हो गई है. विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अब लाइसेंस की पेंडेंसी नहीं रह गई है. अब समय पर आवेदकों को उनके ड्राइविंग लाइसेंस उनके घर पर मिलेंगे.

ड्राइविंग लाइसेंस
ड्राइविंग लाइसेंस

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दो माह में परिवहन विभाग ने रिकॉर्ड अलग-अलग श्रेणी के 10 लाख लाइसेंस जारी किए हैं, जिससे अब आवेदकों के लंबित लाइसेंस उनके घरों को पहुंचने लगे हैं. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मई माह तक के आवेदन वाले ड्राइविंग लाइसेंस अब लंबित नहीं रह गए हैं. जून माह के डीएल भी अब सात दिन के अंदर आवेदकों के घर पहुंचने लगे हैं. इससे पूरी तरह से लाइसेंस की वेटिंग खत्म हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक, अब ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न नहीं होने दी जाएंगी, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी होने पाए. विभाग ने जो लाइसेंस पहुंचने की अवधि सात दिन तय कर रखी है उससे ऊपर अब किसी कीमत पर भी समय नहीं लगेगा. आवेदक के लाइसेंस के लिए आवेदन करने और परीक्षा पास करते ही लाइसेंस बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मैनेजमेंट सिस्टम का प्रोसेस पूर्ण करने के बाद डाक से तत्काल ड्राइविंग लाइसेंस भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. एक सप्ताह में आवेदक के हाथ ड्राइविंग लाइसेंस जरूर होगा.

आरटीओ कार्यालय
आरटीओ कार्यालय



ढाई लाख से ऊपर थी नए डीएल की पेंडेंसी : नए आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस की सबसे ज्यादा पेंडेंसी थी. तकरीबन ढाई लाख ऐसे लाइसेंस थे जो रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के दौरान चिप की कमी से प्रभावित हुए थे. आवेदकों को महीनों उनके लाइसेंस नहीं मिल पाए थे. लगातार परिवहन विभाग के पास लाइसेंस न मिलने की शिकायतों का अंबार लग रहा था, लेकिन जैसे ही स्मार्ट चिप की समस्या दूर हुई परिवहन विभाग ने तेजी से लाइसेंस जारी किए.

सारथी भवन
सारथी भवन



क्या कहते हैं डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर : डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) सगीर अंसारी ने बताया कि 'पुराने ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी पूरी तरह से खत्म हो गई है. नए लाइसेंस अब समय पर आवेदकों के घर पहुंचने लगे हैं. लाखों की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस लंबित थे, लेकिन काम में तेजी लाते हुए हर रोज हजारों की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए जिससे अब पुराने लाइसेंस लंबित नहीं रह गए हैं.'

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लखनऊ : रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के सामने बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई थी. लाइसेंस की पेंडेंसी लाखों की संख्या को पार कर गई थी. परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस का काम कर रही कंपनी को स्मार्ट चिप ही उपलब्ध नहीं हो पा रही थी, जिसके चलते लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे थे, लेकिन अब ये समस्या पूरी तरह से दूर हो गई है. विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अब लाइसेंस की पेंडेंसी नहीं रह गई है. अब समय पर आवेदकों को उनके ड्राइविंग लाइसेंस उनके घर पर मिलेंगे.

ड्राइविंग लाइसेंस
ड्राइविंग लाइसेंस

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दो माह में परिवहन विभाग ने रिकॉर्ड अलग-अलग श्रेणी के 10 लाख लाइसेंस जारी किए हैं, जिससे अब आवेदकों के लंबित लाइसेंस उनके घरों को पहुंचने लगे हैं. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मई माह तक के आवेदन वाले ड्राइविंग लाइसेंस अब लंबित नहीं रह गए हैं. जून माह के डीएल भी अब सात दिन के अंदर आवेदकों के घर पहुंचने लगे हैं. इससे पूरी तरह से लाइसेंस की वेटिंग खत्म हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक, अब ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न नहीं होने दी जाएंगी, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी होने पाए. विभाग ने जो लाइसेंस पहुंचने की अवधि सात दिन तय कर रखी है उससे ऊपर अब किसी कीमत पर भी समय नहीं लगेगा. आवेदक के लाइसेंस के लिए आवेदन करने और परीक्षा पास करते ही लाइसेंस बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मैनेजमेंट सिस्टम का प्रोसेस पूर्ण करने के बाद डाक से तत्काल ड्राइविंग लाइसेंस भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. एक सप्ताह में आवेदक के हाथ ड्राइविंग लाइसेंस जरूर होगा.

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ढाई लाख से ऊपर थी नए डीएल की पेंडेंसी : नए आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस की सबसे ज्यादा पेंडेंसी थी. तकरीबन ढाई लाख ऐसे लाइसेंस थे जो रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के दौरान चिप की कमी से प्रभावित हुए थे. आवेदकों को महीनों उनके लाइसेंस नहीं मिल पाए थे. लगातार परिवहन विभाग के पास लाइसेंस न मिलने की शिकायतों का अंबार लग रहा था, लेकिन जैसे ही स्मार्ट चिप की समस्या दूर हुई परिवहन विभाग ने तेजी से लाइसेंस जारी किए.

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क्या कहते हैं डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर : डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) सगीर अंसारी ने बताया कि 'पुराने ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी पूरी तरह से खत्म हो गई है. नए लाइसेंस अब समय पर आवेदकों के घर पहुंचने लगे हैं. लाखों की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस लंबित थे, लेकिन काम में तेजी लाते हुए हर रोज हजारों की संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए जिससे अब पुराने लाइसेंस लंबित नहीं रह गए हैं.'

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