लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजधानी में कुत्ता पालने के शौकीन लोगों के लिए नगर निगम प्रशासन की तरफ से लाइसेंस की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा राजधानी में कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा. नगर निगम प्रशासन ने कुत्तों की गणना कराई थी, जिसमें यह बात सामने आई कि यहां पर एक लाख से अधिक कुत्ते हैं और अब उन्हें पकड़ने को लेकर अभियान चलाया जाएगा.
कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस अनिवार्य
अब राजस्व वसूली को ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन ने यह तय किया है कि कुत्ता पालने के लिए सभी को अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा और निर्धारित शुल्क अदा करनी होगी. इसके लिए अब अभियान चलाया जाएगा और लोगों को चिन्हित करते हुए उनसे लाइसेंस लेने की बात कही जाएगी.
लाइसेंस न होने पर लगेगा जुर्माना
इतना ही नहीं नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत अगर कुत्ता पालने का लाइसेंस नहीं मिला तो जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. नगर निगम प्रशासन ने कुत्ता पालने के लिए रजिस्टर्ड कराए जाने की व्यवस्था की है जिसके लिए नगर निगम मुख्यालय जोन 8 में एक काउंटर खोला गया है. जहां लोग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस की फीस
- बड़ी ब्रीड के विदेशी कुत्ते की फीस 500 रुपये (जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, गोल्डेन रिट्रीवर )
- छोटी ब्रीड के विदेशी कुत्ते की फीस 300 रुपये ( पग, पमेलियन, बुलडॉग, न्यूफाउंडलैंड)
- देसी ब्रीड के स्ट्रीट डॉग की फीस 200 रुपये
नगर निगम में तैनात संयुक्त निदेशक व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार राव कहते हैं कि पालतू कुत्तों को लेकर लाइसेंस की व्यवस्था निर्धारित कर दी गई है और इसके लिए नगर निगम लाइसेंस देगा और लोग कुत्ते पालने के लिए लाइसेंस ले सकते हैं. नगर आयुक्त डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी के अनुसार कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस की व्यवस्था की गई है और उसके लिए ₹500 की फीस निर्धारित की गई है. ₹500, ₹300 और ₹200 अलग-अलग श्रेणी के लिए कुत्ता पालने की फीस नगर निगम नियमावली में तय की गई है.