लखनऊ : राजधानी के सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र के लेखपाल ने लाखों रुपये की स्टांप चोरी के मामले में गलत रिपोर्ट (Wrong report in stamp theft case) लगा दी. जबकि लेखपाल अन्य क्षेत्र में कार्यरत था. मामला संज्ञान में आने पर एसडीएम सरोजनीनगर (Deputy Collector Sarojininagar) ने लेखपाल को निलंबित कर दिया है. जिलाधिकारी लखनऊ संतोष कुमार गंगवार ने सभी तहसीलों में 10 बड़ी रजिस्ट्री के स्टांप शुल्क जांच करने के आदेश उप जिलाधिकारियों को दिए हैं. इसी कड़ी में उप जिलाधिकारी सरोजनीनगर सिद्धार्थ कुमार (Deputy District Magistrate Sarojininagar Siddharth Kumar) अपने क्षेत्र की 10 बड़ी रजिस्ट्रियों की जांच करवा रहे थे.
जांच के दौरान पता चला कि एक रजिस्ट्री की जांच पहले ही की जा चुकी है. जांच में स्टांप शुल्क चोरी 0 दर्शाई गई है. जबकि रजिस्ट्री में लाखों रुपये की स्टांप चोरी (stamp theft) की गई थी. मामला संज्ञान में आने पर जांच कराई गई तो पाया गया कि इस रजिस्ट्री की जांच उतरेठिया में तैनात लेखपाल आजाद वर्मा द्वारा की गई है. जबकि प्रकरण पिपरसंड क्षेत्र के लेखपाल का है. लेखपाल आजाद वर्मा की करतूत सामने आने के बाद उप जिला अधिकारी सिद्धार्थ कुमार ने लेखपाल आजाद वर्मा को सस्पेंड कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार उतरेठिया में तैनात लेखपाल (Lekhpal posted in Uttarethia) की पहले भी शिकायत आ चुकी हैं. जिसमें उक्त लेखपाल ने बिना धारा 24 के जमीन की गलत पैमाइश की थी. जबकि जिला अधिकारी लखनऊ में बिना धारा 24 के किसी भी जमीन की पैमाइश को गलत बताया है. पैमाइश कराने के लिए धारा 24 के तहत आवेदन करना अनिवार्य है. उपजिला अधिकारी सरोजनीनगर सिद्धार्थ कुमार (Deputy District Magistrate Sarojininagar Siddharth Kumar) ने बताया कि उतरेठिया में तैनात लेखपाल आजाद वर्मा ने पिपरसंड की एक रजिस्ट्री में हुए स्टांप चोरी मामले में जांच रिपोर्ट लगाई थी. बाद में पिपरसंड लेखपाल ने उक्त रजिस्ट्री में लगे स्टांप की जांच की तो उसमें लाखों रुपये के स्टांप चोरी का मामला प्रकाश में आया था. जानकारी होने पर उतरेठिया में तैनात लेखपाल आजाद वर्मा को निलंबित किया गया है.
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