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लेखपाल की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज, रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों हुआ था गिरफ्तार - लखनऊ का समाचार

लखनऊ में रिश्वत लेने के एक मामले में सरोजनी नगर तहसील के लेखपाल रमेश कुमार प्रजापति की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज मुकेश कुमार सिंह ने अभियुक्त के अपराध को गंभीर बताया है.

लेखपाल की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज
लेखपाल की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज
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Published : Mar 13, 2021, 12:12 PM IST

लखनऊः रिश्वत लेने के एक मामले में लेखपाल रमेश कुमार प्रजापति की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज मुकेश कुमार सिंह ने अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. अभियुक्त के खिलाफ संतराम साहू ने 19 फरवरी, 2021 को शिकायत दर्ज करायी थी.

कोर्ट ने जमानत अर्जी की खारिज

दरअसल, अभियुक्त के खिलाफ संतराम साहू ने 19 फरवरी, 2021 को शिकायत दर्ज करायी थी. सरकारी वकील दुष्यंत मिश्र और पुष्पेंद्र सिंह की ओर से अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया गया. सरकारी वकीलों का कहना था कि अभियुक्त खतौनी में शिकायतकर्ता के पिता का नाम सही करने के एवज में उनसे पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था. उनकी शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने अभियुक्त को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. जमानत की मांग करते हुए अभियुक्त की ओर से दलील दी गयी कि उसे इस मामले में उसे झूठा फंसाया गया है. वो लेखपाल के पद पर सालों से तैनात है. लेकिन अबतक उसके ऊपर किसी भी तरह की अनियमितता अथवा अवैध मांग का आरोप नहीं लगा है. अभियुक्त की ओर से ये भी कहा गया है कि उस पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है. लिहाजा उसे जमानत पर रिहा किया जाये. उसके फरार होने की कोई संभावना नहीं है. वहीं अभियुक्त की दलील का विरोध करते हुए कहा गया है कि उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. उसे जमानत पर रिहा किया जाता है. वो विवेचना को प्रभावित कर सकता है.

लखनऊः रिश्वत लेने के एक मामले में लेखपाल रमेश कुमार प्रजापति की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज मुकेश कुमार सिंह ने अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. अभियुक्त के खिलाफ संतराम साहू ने 19 फरवरी, 2021 को शिकायत दर्ज करायी थी.

कोर्ट ने जमानत अर्जी की खारिज

दरअसल, अभियुक्त के खिलाफ संतराम साहू ने 19 फरवरी, 2021 को शिकायत दर्ज करायी थी. सरकारी वकील दुष्यंत मिश्र और पुष्पेंद्र सिंह की ओर से अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया गया. सरकारी वकीलों का कहना था कि अभियुक्त खतौनी में शिकायतकर्ता के पिता का नाम सही करने के एवज में उनसे पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था. उनकी शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने अभियुक्त को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. जमानत की मांग करते हुए अभियुक्त की ओर से दलील दी गयी कि उसे इस मामले में उसे झूठा फंसाया गया है. वो लेखपाल के पद पर सालों से तैनात है. लेकिन अबतक उसके ऊपर किसी भी तरह की अनियमितता अथवा अवैध मांग का आरोप नहीं लगा है. अभियुक्त की ओर से ये भी कहा गया है कि उस पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है. लिहाजा उसे जमानत पर रिहा किया जाये. उसके फरार होने की कोई संभावना नहीं है. वहीं अभियुक्त की दलील का विरोध करते हुए कहा गया है कि उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. उसे जमानत पर रिहा किया जाता है. वो विवेचना को प्रभावित कर सकता है.

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