लखनऊ : अगले माह उत्तर प्रदेश की धरती पर बिहार के नेता दस्तक देंगे और अपनी पार्टी का चुनावी बिगुल फूंकेंगे. बिहार की इस पार्टी के नेताओं में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह शामिल हैं. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचेंगे. यह नेता बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए कार्यकर्ताओं में दम भरेंगे, तो यूपी विधान सभा चुनाव में भी पार्टी की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं को गुरु मंत्र देंगे.
यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार बिहार की पार्टी अभी पूरी सक्रियता के साथ जुट रही हैं. इनमें नीतीश कुमार शासित बिहार की जनता दल यूनाइटेड और पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी शामिल है. हालांकि यह दोनों पार्टियां केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल हैं और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी के साथ ही मैदान में ताल ठोकना चाहती हैं. दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत कर अपना विस्तार करना चाहती हैं. इसीलिए अब इनकी नजर उत्तर प्रदेश पर है. अक्टूबर माह में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस लखनऊ आ रहे हैं. 15 अक्टूबर को लखनऊ में लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. साथ ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तय करेंगे.
वहीं लोकजनशक्ति पार्टी का दूसरा धड़ा चिराग पासवान के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के चुनाव में दो-दो हाथ करने को तैयार है. चिराग पासवान उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पहले से एलान कर दिया है. ऐसे में बिहार की पार्टियों की उत्तर प्रदेश में इंट्री के बाद से इस बार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है.
मुकेश सहनी भी मैदान में
बिहार सरकार के मंत्री और वीआईपी (Vikassheel Insaan Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) भी अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. दस्यु सुंदरी और पूर्व सांसद स्व. फूलन देवी (Phoolan Devi) के सहारे वे यूपी में अपनी जड़ जमाना चाहते हैं. यही वजह है कि फूलन देवी की शहादत दिवस पर 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के करीब 18 जिलों में प्रतिमा लगाने की तैयारी की थी. हालांकि वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए.
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