लखनऊ: आमतौर पर रोड को बार-बार बनाए जाने पर रोड और फुटपाथ या आसपास के घर की ऊंचाई बढ़ जाती है. अब एलडीए मिलिंग प्रोसेस की तकनीक से रोड को बनाएगा, जिससे रोड और फुटपाथ के बीच की ऊंचाई को खत्म किया जाएगा.
एलडीए करेगा नई तकनीकि से सड़क निर्माण
- मिलिंग प्रोसेस द्वारा एलडीए लखनऊ में रोड का निर्माण करेगा .
- लखनऊ विकास प्राधिकरण फर्म को दस साल के लिए रोड का कॉन्ट्रैक्ट देगा.
- दस साल के अंदर अगर कोई भी रोड में समस्या आती है तो उसके लिए वह फर्म जिम्मेदार होगी.
- हर तीन साल में रोड का नवीनीकरण किया जाता है.
- इस वजह से हर बार रोड बनने के बाद उसकी ऊंचाई में ढाई से चार सेंटीमीटर का अंतर आता है.
- इस तकनीकि में रोड की ऊंचाई को बिना बढ़ाएं ही रोड का नवीनीकरण किया जाएगा.
क्या है मिलिंग प्रोसेस
इस प्रोसेस में इस्तेमाल की जाने वाली मशीन की कीमत तो काफी महंगी है, लेकिन प्रोसेस के जरिए प्राप्त की गई गिट्टियों को लगभग 30% रोड बनाने में दोबारा से इस्तेमाल में लाया जा सकता है. रोड बनाने में काफी फायदा मिलेगा. इसके साथ ही सीआरआरआई के द्वारा अनुमोदित एक और तकनीक का भी लखनऊ विकास प्राधिकरण इस्तेमाल करेगा जिसे माइक्रोसर्फेसिंग कहते हैं. इसमें हाई स्ट्रैंथ मटेरियल का यूज किया जाएगा, जिससे उतनी ही मजबूती आएगी, जितना कि एक नॉर्मल रोड बनाने में मिलती है.
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एलडीए अब मिलिंग प्रोसेस के जरिए रोड का निर्माण करेगा, जिसमें रोड को करीब 2 से 6 सेंटीमीटर तक मशीन द्वारा खोदा जाएगा, जिससे निकली हुई गिट्टियों का दोबारा से इस्तेमाल कर उसी रोड का निर्माण किया जाएगा.
-इंदु शेखर सिंह, एलडीए के मुख्य अभियंता