लखनऊ: राजधानी लखनऊ में तेजी से हो रहे अवैध निर्माण और उनके खिलाफ कार्रवाई की धीमी रफ्तार को बढ़ाने के उद्देश्य से अब इनके खिलाफ कार्रवाई और सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी, जिससे अवैध निर्माण के खिलाफ शिकंजा कसने में तेजी लाई जा सके. उत्तर प्रदेश शासन के आवास विकास विभाग ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से और कार्रवाई को लेकर पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन करने की हिदायत दी है.
ऑनलाइन होगी सुनवाई और निगरानी
लखनऊ विकास प्राधिकरण अब अवैध निर्माण की सुनवाई और कार्रवाई की प्रक्रिया ऑनलाइन करेगा. इसके लिए डेवआथ पोर्टल का इस्तेमाल करने का आदेश शासन ने एलडीए अधिकारियों को दिया है. एलडीए को शासन द्वारा भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह से इसे ऑनलाइन माध्यम से लाइव किया जा रहा है और एलडीए इसका उपयोग करे. 21 मार्च से इस ऑनलाइन पोर्टल से ही प्रवर्तन के कामों की नियमित मॉनिटरिंग और सुनवाई होगी.
एनआईसी ने तैयार किया है सॉफ्टवेयर
आवास विकास विभाग से लखनऊ विकास प्राधिकरण को आदेश में कहा गया है कि एनआईसी ने सॉफ्टवेयर विकसित कर लिया है. इसके बीटा वर्जन का भी परीक्षण पूरा कर लिया गया है. एनआईसी ने 1 फरवरी से इसके उपलब्ध होने की जानकारी दी है. पूरा डाटा इस मॉड्यूल के सर्वर पर ही अपलोड रहेगा और इसी आधार पर पूरी कार्रवाई और मॉनिटरिंग की जाएगी. 15 दिन में यह काम खुद आवास विकास प्राधिकरण को पूरा करना होगा.
पुराने डाटा को सुरक्षित रखना और अपलोड करना बड़ी चुनौती
एलडीए के सामने बड़ी मुश्किल पुराने डाटा और मुकदमों को ऑनलाइन करने के रूप में सामने आएगी. इसकी वजह है कि पुराने केस के रिकॉर्ड का रखरखाव बहुत ही खराब है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन पोर्टल पर काम शुरू होने से अवैध निर्माण पर कार्रवाई व निगरानी आसानी से की जा सकेगी.
सबकुछ रहेगा ऑनलाइन, इंजीनियर कुछ नहीं छिपा सकेंगे
अवैध निर्माण करने वाले को भी अपने केस के बारे में आसानी से जानकारी और अपडेट मिल सकेगी. कार्रवाई नहीं होने देने वाले कर्मचारियों को ऐसा करने से रोका जा सकेगा और सभी तरह के अवैध निर्माण की जानकारी ऑनलाइन माध्यम से कोई भी देख सकेगा. अक्सर कार्रवाई के आदेश के बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर कार्रवाई से बचते हैं और रिकॉर्ड छिपा देते हैं. ऐसे में इस ऑनलाइन माध्यम से होने वाली मॉनिटरिंग के अंतर्गत सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा.
अवैध निर्माण के खिलाफ अब ऑनलाइन सुनवाई और कार्रवाई करेगा एलडीए
राजधानी लखनऊ में अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अवैध निर्माण के खिलाफ ऑनलाइन सुनवाई और कार्रवाई करेगा. इससे अवैध निर्माण करने वालों को भी अपने केस के बारे में आसानी से जानकारी और अपडेट मिल सकेगी.
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में तेजी से हो रहे अवैध निर्माण और उनके खिलाफ कार्रवाई की धीमी रफ्तार को बढ़ाने के उद्देश्य से अब इनके खिलाफ कार्रवाई और सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी, जिससे अवैध निर्माण के खिलाफ शिकंजा कसने में तेजी लाई जा सके. उत्तर प्रदेश शासन के आवास विकास विभाग ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से और कार्रवाई को लेकर पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन करने की हिदायत दी है.
ऑनलाइन होगी सुनवाई और निगरानी
लखनऊ विकास प्राधिकरण अब अवैध निर्माण की सुनवाई और कार्रवाई की प्रक्रिया ऑनलाइन करेगा. इसके लिए डेवआथ पोर्टल का इस्तेमाल करने का आदेश शासन ने एलडीए अधिकारियों को दिया है. एलडीए को शासन द्वारा भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह से इसे ऑनलाइन माध्यम से लाइव किया जा रहा है और एलडीए इसका उपयोग करे. 21 मार्च से इस ऑनलाइन पोर्टल से ही प्रवर्तन के कामों की नियमित मॉनिटरिंग और सुनवाई होगी.
एनआईसी ने तैयार किया है सॉफ्टवेयर
आवास विकास विभाग से लखनऊ विकास प्राधिकरण को आदेश में कहा गया है कि एनआईसी ने सॉफ्टवेयर विकसित कर लिया है. इसके बीटा वर्जन का भी परीक्षण पूरा कर लिया गया है. एनआईसी ने 1 फरवरी से इसके उपलब्ध होने की जानकारी दी है. पूरा डाटा इस मॉड्यूल के सर्वर पर ही अपलोड रहेगा और इसी आधार पर पूरी कार्रवाई और मॉनिटरिंग की जाएगी. 15 दिन में यह काम खुद आवास विकास प्राधिकरण को पूरा करना होगा.
पुराने डाटा को सुरक्षित रखना और अपलोड करना बड़ी चुनौती
एलडीए के सामने बड़ी मुश्किल पुराने डाटा और मुकदमों को ऑनलाइन करने के रूप में सामने आएगी. इसकी वजह है कि पुराने केस के रिकॉर्ड का रखरखाव बहुत ही खराब है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन पोर्टल पर काम शुरू होने से अवैध निर्माण पर कार्रवाई व निगरानी आसानी से की जा सकेगी.
सबकुछ रहेगा ऑनलाइन, इंजीनियर कुछ नहीं छिपा सकेंगे
अवैध निर्माण करने वाले को भी अपने केस के बारे में आसानी से जानकारी और अपडेट मिल सकेगी. कार्रवाई नहीं होने देने वाले कर्मचारियों को ऐसा करने से रोका जा सकेगा और सभी तरह के अवैध निर्माण की जानकारी ऑनलाइन माध्यम से कोई भी देख सकेगा. अक्सर कार्रवाई के आदेश के बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर कार्रवाई से बचते हैं और रिकॉर्ड छिपा देते हैं. ऐसे में इस ऑनलाइन माध्यम से होने वाली मॉनिटरिंग के अंतर्गत सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा.