लखनऊ : करोड़ों रुपए की जमीन पर अवैध कब्जा हुआ, जमीन सरकारी थी, नजूल की थी. लंबे समय तक केस चलने के बाद लखनऊ मंडल की आयुक्त डॉ. रौशन जैकब ने डालीगंज के रामाधीन सिंह कामर्शियल कांप्लेक्स (Ramadhin Singh Commercial Complex) को तोड़े जाने का आदेश दे दिया है. साथ ही बड़े मैरिज लॉन को भी कब्जे में लिया जाएगा. यहां दर्जनों बड़ी दुकानें हैं. जिसको बहुत जल्द ही तोड़ दिया जाएगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) इसकी तैयारी कर ली है. इसको लेकर एक बार फिर से कारोबारी भय में हैं.
डालीगंज स्थित रामाधीन सिंह इंटर कॉलेज (Ramadhin Singh Inter College, Daliganj) की ट्रस्ट की ओर से संचालित रामाधीन कांप्लेक्स और मैरिज हॉल को ढहा दिया जाएगा. इस कांप्लेक्स में 50 से अधिक दुकानें हैं. सभी कारोबारियों को दुकानें खाली करने के लिए जल्द ही कह दिया जाएगा. करीब 2 साल पहले भी इसी तरह की नोटिस के बाद दुकानदारों ने अपनी दुकानों से सामान निकाला था. एक बार फिर से कारोबारी भय में हैं, उनका कहना है कि इस भूमि विवाद की जानकारी उनको नहीं थी, वे गेहूं के साथ घुन की तरह से पिस गए हैं.
रामधीन ट्रस्ट (Ramdheen Trust) का केस एलडीए में करीब 22 साल से लंबित है, या भूमि नजूल की है. लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि (Vice President Dr. Indramani) ने बताया कि इस संबंध में अनेक बार ट्रस्ट को चेताया गया कि वे इस भूमि पर केवल शैक्षणिक कार्य कर सकते हैं. कोई भी कारोबारी गतिविधि चलाने का हक उनको नहीं है. ट्रस्ट की ओर से अपनी लीज संबंधित पुख्ता दस्तावेज भी कभी उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं. इस संबंध में शिकायकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की है. इसलिए इस मामले में ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि मंडलायुक्त की कोर्ट से अपील में याची को कोई भी राहत नहीं मिली है. इसलिए बहुत जल्द ही ध्वस्तीकरण कराया जाएगा.
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि (LDA Vice President Dr. Indramani) के अनुसार कांप्लेक्स के साथ मैरिज हॉल को भी ध्वस्त किया जाएगा. जिसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की भी आवश्यकता होगी. इसलिए जैसे ही पुलिस बल मिलेगा कार्रवाई होगी. दूसरी ओर दुकानदार खौफ में हैं. एक दुकानदार अरविंद सिंह ने बताया कि हम लोगों ने किराये पर दुकानें ली हैं. हमारा एग्रीमेंट ट्रस्ट से होता है. हम लोग नियमित रूप से टैक्स भरते हैं. हमारी दुकानें नहीं तोड़ी जानी चाहिए. जबकि ट्रस्ट के संचालक सूरज ने दावा किया है कि इस पूरे मामले में हाई कोर्ट का स्टे है. लखनऊ विकास प्राधिकरण को तोड़ नहीं सकता. इस मामले में शिकायतकर्ता संजय आजाद खुद ही अवैध निर्माण कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें : बहराइच में रोडवेज बस और ट्रक की टक्कर, 6 लोगों की मौत