लखनऊः लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी व उनकी सास मीरा पांडेय पर बेनामी संपत्ति के आरोप लगे हैं. इस मामले में इंद्रमणि त्रिपाठी की सास मीरा पांडेय ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम (पीबीपीटी एक्ट) के तहत जारी नोटिस व संपत्ति के अस्थाई (प्रोविजनल) अटैचमेंट के आदेश को चुनौती दी है. आयकर विभाग ने संपत्ति के लाभार्थी इंद्रमणि त्रिपाठी को बताते हुए उक्त नोटिस व आदेश जारी किया है. याचिका पर बुधवार को लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. साथ ही आगे की सुनवाई के लिए न्यायालय ने गुरुवार को सवा दो बजे का समय नियत किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने मीरा पांडेय की याचिका पर पारित किया है. याचिका में 5 जनवरी 2023 को जारी नोटिस व प्रोविजनल अटैचमेंट के आदेश को चुनौती दी गई है. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर व अभिनव एन त्रिवेदी ने याचिका में तर्क दिया है कि उक्त नोटिस व आदेश अविधिक है. साथ ही क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर जारी किए गए हैं. याचिका में विभिन्न कानूनी तकनीकी पहलुओं का हवाला देते हुये उक्त नोटिस व प्रोविजनल आदेश को निरस्त किए जाने की मांग की गई है.
वहीं, याचिका में जिस नोटिस व आदेश को चुनौती दी गई है. वह जियामऊ, विक्रमादित्य वार्ड के सृजन विहार कॉलोनी की एक संपत्ति का मामला है. जो 3680 वर्ग फुट की उक्त संपत्ति 23 अप्रैल 2016 को मीरा पांडेय के नाम से 82 लाख रुपये में खरीदी गई. आयकर विभाग का आरोप है कि मीरा पांडेय ने 2015-16 में कुल आय 7.30 लाख थी. यही नहीं उक्त संपत्ति पर ढाई मंजिल के मकान के निर्माण में भी एक करोड़ पांच लाख रुपये खर्च करने का आरोप है.