लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) (एलडीए) ने 1500 भूखंड पर आवंटियों का आवंटन किया. हालांकि एक पर भी कब्जा नहीं दिया. इनमें से एक हजार आवंटी 18 साल पुराने हैं जबकि पांच सौ नए हैं. यहां कोविड के बाद विकास की धीमी गति आवंटियों पर भारी पड़ रही है.
एलडीए की बसंतकुंज (LDA's Basantkunj Scheme) योजना में करीब 15 सौ आवंटियों को कब्जे नहीं मिल सके हैं. इनमें करीब एक हजार पुराने और करीब 5 सौ नए आवंटी हैं. पुराने आवंटी पिछले करीब 20 साल से कब्जे का इंतजार कर रहे हैं. नए आवंटियों को भी डेढ़ साल का वक्त बीत चुका है. यहां करीब 15 साल तक तो पहले किसानों से विवाद बना रहा. इसके बाद कोरोना काल में और अभियंताओं के फेरबदल के चलते कब्जे के लिए लोग परेशान रहे हैं. प्राधिकरण का दावा है कि जल्द ही आवंटियों को उनका आशियाना मिल जाएगा.
गौरतलब है कि बसंतकुंज योजना का आगाज (Basantkunj scheme started) 2002 में हरदोई रोड पर हुआ था. काकोरी ब्लॉक की जमीन (Kakori block land) का भूमि अर्जन करके करीब 1100 भूखंड प्राधिकरण ने नियोजित किया था. इनमें केवल 100 को ही कब्जा दिया जा सका. बाकी लोग किसानों के आंदोलन की वजह से कब्जा नहीं पा सके. प्राधिकरण ने किसानों के साथ विवाद को साल 2019 में निपटा दिया. इसके बाद योजना आगे बढ़ी. इस बीच प्राधिकरण ने इस साल के प्रारंभ तक दो चरणों में करीब 500 भूखंड यहां और आवंटित कर दिए. इन सारे भूखंडों का कुल भुगतान प्राधिकरण लगभग 400 करोड़ अपने खाते में जमा करवा चुका है.
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चौक के नाईबाड़ा के रहने वाले एक आवंटी रामकिशोर रस्तोगी ने बताया कि उन्होंने जब एलाटमेंट करवाया था. तब कहा गया कि अधिकतम दो साल में कब्जा मिल जाएगा. अब तक उनका भूखंड उन्हें आवंटित नहीं किया गया. ठाकुरगंज के रुद्रप्रताप सिंह का कहना है कि उन्होंने 2020 में आवंटन करवाया था. तब कहा गया था कि 2020 के अंत तक कब्जा मिल जाएगा. मगर अभी तो दूर-दूर तक कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने कहा कि एलडीए ने अभी कब्जा नहीं दिया तो इतनी परेशानियां हैं. कब्जा देने के बाद क्या होगा. इसकी कल्पना भी मुश्किल है.
इस बारे में एलडीए के अधिशासी अभियंता प्रताप शंकर मिश्र ने बताया कि कोविड-19 से वह करीब डेढ़ साल तक काम नहीं कर सके. इस वजह से विकास कार्य रुके रहे. कब्जा देने में कुछ देर हुई है. अब निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है. जल्द ही भूखंडों का कब्जा दे दिया जाएगा.
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