लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने होटल में देर रात तक डीजे बजाने से रोकने और पुलिस बुलाने पर मेजर अभिजीत सिंह की कार जलाने के मामले का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. न्यायालय ने कहा कि अखबारों की खबर के मुताबिक जिस होटल में डीजे बज रहा था, वह अवैध है. न्यायालय ने आगे कहा कि इससे स्पष्ट है कि लेवाना होटल अग्निकांड के चार महीने बीत जाने के बाद भी शहर में अवैध होटल चल रहे हैं और एलडीए उन पर कार्रवाई करने में असफल है. न्यायालय ने मामले में विस्तृत हलफनामा तलब करते हुए, मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तिथि नियत की है.
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने तीन जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के दौरान, मेजर की कार जलाने सम्बंधी अखबारों में आई खबरों पर संज्ञान लेते हुए पारित किया. उक्त जनहित याचिकाएं मैरिज हॉल में लाउडस्पीकर लगाकर शोर करने, मोडिफ़ाइड साइलेन्सर और प्रेशर हॉर्न द्वारा ध्वनि प्रदूषण फैलाने तथा शहर में प्रतिबंधित समय में बड़े वाहनों के प्रवेश के मुद्दों से सम्बंधित हैं.
इस याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ही न्यायालय ने कहा कि अखबारों में होटल में डीजे बजाकर शोर करने के खिलाफ पुलिस बुलाने पर शिकायतकर्ता की कार जलाने की खबर छपी है. कहा कि खबरों के मुताबिक होटल अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था. न्यायालय ने कहा कि जब लेवाना होटल में बड़ा अग्निकांड हुआ था, तब ही अनाधिकृत होटल चलाने के सम्बंध में इस कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए, जनहित याचिका भी दर्ज की. न्यायालय ने एलडीए को फटकार लगाते हुए कहा कि स्पष्ट है कि शहर में अवैध होटल चल रहे हैं और स्पष्ट है कि चार महीने बीत जाने के बावजूद एलडीए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी है.