लखनऊ : फ्लैट निर्माण में हुई धांधली के चलते सिंटेक्स कंपनी को 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट करने का आदेश जारी किया गया है. कंपनी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने फ्लैट निर्माण में गड़बड़झाले का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाया है. उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने इस संबंध में चीफ इंजीनियर इंदु शेखर सिंह को कंपनी के खिलाफ 5 नवंबर तक कार्रवाई करने का आदेश देते हुए उसका ब्योरा भी मांगा है.
निर्माण में किया गया घटिया सामग्री का इस्तेमाल
आरोप है कि कंपनी ने फ्लैटों के निर्माण में घटिया मैटेरियल का इस्तेमाल किया है. जिसकी वजह से लोग फ्लैट का कब्जा नहीं ले रहे हैं. एलडीए को इन्हें दोबारा से सही कराना पड़ रहा है. सिंटेक्स कंपनी निर्माण सामग्री में धांधली करती रही और तत्कालीन एलडीए के इंजीनियर चुप्पी साधे रहे. करीब डेढ़ हजार सुलभ आवास, 127 अपना घर, और सहज आवास के 112 फ्लैटों के निर्माण में दोयम दर्जे के मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. आवंटियों ने फ्लैट का पूरा भुगतान कर दिया है लेकिन फ्लैट का स्तर सही न होने से उनका रहना दूभर हो गया है. प्राधिकरण ने इसका ठिकरा निर्माणकर्ता कंपनी सिंटैक्स पर फोड़ा है. कंपनी का भुगतान रोकने के बाद भी आवंटियों की समस्याओं का सामाधान नहीं हो पा रहा है. साल 2010 से 2016 के बीच में कंपनी को 8 हजार से ज्यादा फ्लैटों के निर्माण की जिम्मेदारी दी गयी थी.
IIT स्तर की एजेंसी से जांच हुई ठप
पूर्व कमिश्नर ने एलडीए उपाध्यक्ष को इस इस मामले में 3 बिंदुओं मजबूती, स्थायित्व और उपयुक्तता पर जांच कराने के आदेश दिये थे. जिसके बाद आईआईटी स्तर की जांच के लिए प्राधिकरण के इंजीनियरों की कमिटी बनायी गयी. लेकिन कुछ पूर्व अफसर और एक पूर्व चीफ इंजीनियर के दखल पर कंपनी को बचाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि वीसी अभिषेक प्रकाश ने मामले में सख्त रूख अख्तियार करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिये हैं.
एक मकान को ठीक कराने में 74 हजार रुपए का आ रहा खर्च
प्राधिकरण के सर्वे के बाद जो एस्टीमेट तैयार किया गया है, उसमें एक-एक मकान को ठीक कराने में हजारों रुपये का खर्च आ रहा है. सुलभ आवास योजना के आश्रय एक के फ्लैट को दुरुस्त कराने में 74,094 रुपये, आश्रय 2 के फ्लैट पर 52,118 रुपये और आश्रय 3 के एक फ्लैट को सही कराने में 34,972 रुपये का खर्च आ रहा है. फ्लैट में किसी के बाथरूम टूटे-फूटे हैं, तो कहीं फिटिंग में ही गड़बड़झाला किया गया है. अकेले 350 मकान जानकीपुरम विस्तार में ही जर्जर मिले हैं.