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लखीमपुर हिंसा : आरोपी के साथ दिवंगत कांग्रेसी नेता अखिलेश दास का जुड़ा नाम, ये है वजह... - congress leader akhilesh das linked in lakhimpur violence

लखीमपुर हिंसा केस में एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा कि हिंसा का आरोपी अंकित दास है. अंकित दास दिवंगत कांग्रेसी नेता अखिलेश दास का भतीजे है, इसीलिए कांग्रेस पार्टी की तरफ शक की सुई उठ रही है.

दिवंगत कांग्रेसी नेता अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास
दिवंगत कांग्रेसी नेता अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास
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Published : Oct 8, 2021, 10:34 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास का नाम लखीमपुर कांड से जुड़ने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शरू हो गया है. वहीं अंकित दास का नाम लखीमपुर हिंसा में जुड़ने के बाद कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.

कांग्रेस पार्टी का कहना है, कि लखनऊ निवासी युवा कारोबारी अंकित दास की इस मामले में संलिप्तता को लेकर उनके चाचा व पूर्व मंत्री डॉ. अखिलेश दास गुप्ता और कांग्रेस का नाम महज उस युवक की पहचान के लिए लिया जाना एक ओछा षड्यंत्र है. इसमें संकुचित मानसिकता के साथ डॉ. दास व कांग्रेस को बदनाम करने के षड्यंत्र रचने की बू आ रही है. युवा कारोबारी अंकित का नाम कांग्रेस के दिवंगत नेता अखिलेश दास से जोड़ना पार्टी की छवि को खराब करने का प्रयास है.

बता दें, लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में एक नया वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जार हा है, कि किसानों को रौंदते हुए निकली कारों में से एक व्यक्ति अंकित दास (Ankit Das) भी था. अंकित पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास के भतीजे हैं, लेकिन फिलहाल बीजेपी समर्थक हैं. इसी बात को लेकर बीजेपी और कॉग्रेस में जुवानी वॉर शुरू हो गया है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया, कि सच सभी को मालूम है कि अंकित दास बीजेपी के सक्रिय सदस्य हैं. उन्होंने बताया कि अंकित का कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है, न कभी रहा है.

इसके अलावा डॉ. अखिलेश दास कांग्रेस परिवार से जुड़े थे, इसलिए बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया है. अंकित, डॉ. दास के परिवार के साथ नहीं रहते हैं वल्कि उनका आवास और परिवार अलग रहता है. डॉ. अंकित अग्रवाल लखीमपुर में रहकर ठेकेदारी या अन्य व्यवसाय कर रहे थे.

इसे पढ़ें- एक बयान और फिर भड़क उठे शोले, पढ़िए अजय मिश्रा के वकील से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने तक की कहानी

लखनऊ: कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास का नाम लखीमपुर कांड से जुड़ने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शरू हो गया है. वहीं अंकित दास का नाम लखीमपुर हिंसा में जुड़ने के बाद कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.

कांग्रेस पार्टी का कहना है, कि लखनऊ निवासी युवा कारोबारी अंकित दास की इस मामले में संलिप्तता को लेकर उनके चाचा व पूर्व मंत्री डॉ. अखिलेश दास गुप्ता और कांग्रेस का नाम महज उस युवक की पहचान के लिए लिया जाना एक ओछा षड्यंत्र है. इसमें संकुचित मानसिकता के साथ डॉ. दास व कांग्रेस को बदनाम करने के षड्यंत्र रचने की बू आ रही है. युवा कारोबारी अंकित का नाम कांग्रेस के दिवंगत नेता अखिलेश दास से जोड़ना पार्टी की छवि को खराब करने का प्रयास है.

बता दें, लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में एक नया वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जार हा है, कि किसानों को रौंदते हुए निकली कारों में से एक व्यक्ति अंकित दास (Ankit Das) भी था. अंकित पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास के भतीजे हैं, लेकिन फिलहाल बीजेपी समर्थक हैं. इसी बात को लेकर बीजेपी और कॉग्रेस में जुवानी वॉर शुरू हो गया है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया, कि सच सभी को मालूम है कि अंकित दास बीजेपी के सक्रिय सदस्य हैं. उन्होंने बताया कि अंकित का कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है, न कभी रहा है.

इसके अलावा डॉ. अखिलेश दास कांग्रेस परिवार से जुड़े थे, इसलिए बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया है. अंकित, डॉ. दास के परिवार के साथ नहीं रहते हैं वल्कि उनका आवास और परिवार अलग रहता है. डॉ. अंकित अग्रवाल लखीमपुर में रहकर ठेकेदारी या अन्य व्यवसाय कर रहे थे.

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