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लखनऊ: नहीं अस्त होगा चंद्रमा, रात भर देखिए 2020 का अंतिम सुपरमून! - last super moon of 2020

साल 2020 का अंतिम सुपरमून 7 मई को दिखाई दे रहा है. सूर्यास्त के बाद लगभग 6 बजकर 36 मिनट से सुपरमून का नजारा शुरू हो गया.

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला.
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला.
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Published : May 7, 2020, 9:22 PM IST

लखनऊ: खगोलीय घटनाओं के लिहाज से आज गुरुवार को आसमान बेहद रोमांचक नजर आ रहा है. वर्ष 2020 का आखरी सुपरमून 7 मई को दिख रहा है. खास बात यह है कि आज की पूरी रात चंद्रमा बेहद चमकदार और दूधिया नजर आएगा. खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए अप्रैल का महीना बेहद खास साबित हुआ था तो वहीं 7 मई का दिन भी उनके लिए यादगार होने वाला है क्योंकि आज की रात 2020 का आखरी सुपरमून दिखाई दे रहा है.

आखरी सुपरमून.

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला लखनऊ के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव के अनुसार, 7 मई को पूर्णिमा के चांद के अवसर पर सुपरमून देखने को मिल रहा है. इस वक्त चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 3,59,700 किलोमीटर ही रह गई है. इस स्थिति को पेरिगी कहा जाता है. आज का चांद हमें काफी बड़ा दिख रहा है और खास बात यह है कि 7 मई की रात चंद्रमा अस्त नहीं होगा. सामान्य रूप से पृथ्वी के चंद्रमा से दूरी 3,84,400 किलोमीटर मानी जाती है और चंद्रमा की पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी होने पर यह लगभग 4,05,696 किलोमीटर मानी जाती है.

7 मई को सूर्यास्त के बाद लगभग 6 बजकर 36 मिनट से सुपरमून का नजारा शुरू हो चुका है. वैसे तो 1 वर्ष में लगभग 12 पूर्णिमा पड़ती है, लेकिन ऐसा कम ही होता है कि पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा पड़े. इसलिए खगोलीय क्रम से यह एक अद्भुत घटना होती है. 7 मई को चंद्रमा का यह अंतिम सुपरमून होगा. सुपरमून देखने वाले लोगों के लिए यह जानना बेहद रोमांचक होगा कि किसी भी वर्ष में अधिकतम 4 सुपरमून दिखाई दे सकते हैं. ऐसे में यह साल का अंतिम, सबसे चमकदार और सबसे बड़ा फुलमून है. पारंपरिक रूप से मई की पूर्णिमा को दूधिया चंद्रमा यानी मिल्क मून कहा जाता है. सुपरमैन की स्थिति में चंद्रमा माइक्रो मून से 14% बढ़ा और 30% अधिक चमकदार नजर आता है।

7 मई के सुपरमून से पहले आखरी बार 8 अप्रैल 2020 को सुपरमून दिखाई दिया था और लोकप्रिय रूप से अप्रैल के सुपरमून को सुपर पिंक मून भी कहा गया था.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: मुलायम सिंह यादव मेदांता में भर्ती, हालत में सुधार

लखनऊ: खगोलीय घटनाओं के लिहाज से आज गुरुवार को आसमान बेहद रोमांचक नजर आ रहा है. वर्ष 2020 का आखरी सुपरमून 7 मई को दिख रहा है. खास बात यह है कि आज की पूरी रात चंद्रमा बेहद चमकदार और दूधिया नजर आएगा. खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए अप्रैल का महीना बेहद खास साबित हुआ था तो वहीं 7 मई का दिन भी उनके लिए यादगार होने वाला है क्योंकि आज की रात 2020 का आखरी सुपरमून दिखाई दे रहा है.

आखरी सुपरमून.

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला लखनऊ के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव के अनुसार, 7 मई को पूर्णिमा के चांद के अवसर पर सुपरमून देखने को मिल रहा है. इस वक्त चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 3,59,700 किलोमीटर ही रह गई है. इस स्थिति को पेरिगी कहा जाता है. आज का चांद हमें काफी बड़ा दिख रहा है और खास बात यह है कि 7 मई की रात चंद्रमा अस्त नहीं होगा. सामान्य रूप से पृथ्वी के चंद्रमा से दूरी 3,84,400 किलोमीटर मानी जाती है और चंद्रमा की पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी होने पर यह लगभग 4,05,696 किलोमीटर मानी जाती है.

7 मई को सूर्यास्त के बाद लगभग 6 बजकर 36 मिनट से सुपरमून का नजारा शुरू हो चुका है. वैसे तो 1 वर्ष में लगभग 12 पूर्णिमा पड़ती है, लेकिन ऐसा कम ही होता है कि पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा पड़े. इसलिए खगोलीय क्रम से यह एक अद्भुत घटना होती है. 7 मई को चंद्रमा का यह अंतिम सुपरमून होगा. सुपरमून देखने वाले लोगों के लिए यह जानना बेहद रोमांचक होगा कि किसी भी वर्ष में अधिकतम 4 सुपरमून दिखाई दे सकते हैं. ऐसे में यह साल का अंतिम, सबसे चमकदार और सबसे बड़ा फुलमून है. पारंपरिक रूप से मई की पूर्णिमा को दूधिया चंद्रमा यानी मिल्क मून कहा जाता है. सुपरमैन की स्थिति में चंद्रमा माइक्रो मून से 14% बढ़ा और 30% अधिक चमकदार नजर आता है।

7 मई के सुपरमून से पहले आखरी बार 8 अप्रैल 2020 को सुपरमून दिखाई दिया था और लोकप्रिय रूप से अप्रैल के सुपरमून को सुपर पिंक मून भी कहा गया था.

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